Ranchi News : झारखंड हाई कोर्ट में सहायक आचार्य परीक्षा को लेकर नॉर्मलाइजेशन फार्मूला लागू किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार को अहम सुनवाई हुई। यह याचिका गिरिधर राउत, रश्मि कुमारी सहित कुल 103 अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल की गई थी।
लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिका में केवल दो याचिकाकर्ताओं गिरिधर राउत और रश्मि कुमारी का ही पूरा विवरण याचिका में दिया गया है, जबकि बाकी 101 अभ्यर्थियों का कोई व्यक्तिगत विवरण या परीक्षा संबंधी जानकारी शामिल नहीं की गई है। इस पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रोशन ने नाराजगी जाहिर की और निर्देश दिया कि सभी याचिकाकर्ता अपना पूरा विवरण 17 जुलाई 2025 तक दाखिल करें, तभी आगे की सुनवाई संभव होगी।
क्या है याचिका का मूल मुद्दा?
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा सहायक आचार्य की परीक्षा में लागू किया गया नॉर्मलाइजेशन फार्मूला अनुचित, त्रुटिपूर्ण और नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने मांग की है कि इस फार्मूले के आधार पर जो परिणाम जारी किया गया है, उसे रद्द कर दोबारा निष्पक्ष तरीके से परिणाम जारी किया जाए।
आयोग की दलील
इस पर आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि यदि अधिकांश याचिकाकर्ताओं की सही जानकारी ही उपलब्ध नहीं है, तो यह याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की जानकारी पहले से ही भर्ती विज्ञापन में साफ-साफ दी गई थी और यह कोई अचानक किया गया बदलाव नहीं है।
इसके अलावा आयोग ने यह भी दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका है कि नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए। ऐसे में यदि हाई कोर्ट इस पर रोक लगाता है, तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना मानी जाएगी।
अब देखना यह होगा कि सभी 103 याचिकाकर्ता तय समय सीमा तक विवरण प्रस्तुत कर पाते हैं या नहीं। अगली सुनवाई के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस याचिका पर अदालत क्या अंतिम निर्णय देती है।