Ranchi News : झारखंड की राजधानी रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र से जुड़े एक चर्चित मामले में बड़ा मोड़ आया है। कथित बलात्कार प्रयास के इस केस में पीड़िता ने अदालत में अपने पुराने बयान से पूरी तरह पलटी मारते हुए सभी आरोपों को झूठा बताया।
मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट रांची के अपर न्यायायुक्त-VII की अदालत में हो रही थी। कोर्ट के समक्ष पीड़िता ने साफ तौर पर कहा कि बलात्कार का प्रयास, छेड़छाड़ और मारपीट जैसे आरोप झूठे थे। उसने बताया कि यह मामला असल में पैसों को लेकर हुए आपसी विवाद और तीखी बहस तक सीमित था, किसी तरह का कोई आपराधिक कृत्य नहीं हुआ।
कोर्ट का निर्णय और आरोपी रिहा
पीड़िता के बयान के बाद अदालत ने मुख्य आरोपी सफीक खान समेत अन्य तीन अभियुक्तों इशरत जहां, नाहिद परवीन उर्फ नाहिद अफसरा और अर्शीना परवीन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। सफीक खान ने 12 मार्च 2025 को आत्मसमर्पण किया था और तब से जेल में न्यायिक हिरासत में था। अन्य तीनों आरोपी पहले से जमानत पर रिहा थे।
कैसे दर्ज हुआ था मामला?
10 अक्टूबर 2023 को पीड़िता ने पिठोरिया थाना में FIR दर्ज कराई थी। FIR में सफीक खान पर बलात्कार की कोशिश, छेड़छाड़ और धमकी देने का आरोप था, जबकि अन्य आरोपियों पर पीड़िता और उसके परिवार के साथ मारपीट करने के आरोप लगे थे।
पुलिस ने जांच के बाद चारों के खिलाफ 10 अप्रैल 2025 को चार्जशीट दाखिल की थी और 21 जून को आरोप तय किए गए थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने चार गवाह पीड़िता, उसकी माँ, भाभी और भाई को पेश किया, लेकिन कोर्ट ने सभी गवाहों को पक्षद्रोही (hostile witness) घोषित कर दिया।
क्या बोले बचाव पक्ष?
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि यह मामला शुरू से ही झूठा और दुर्भावनापूर्ण था। पीड़िता द्वारा कोर्ट में सच्चाई बताने के बाद न्याय हुआ है। इस फैसले के बाद सफीक खान समेत सभी आरोपियों को राहत मिली है और अब वे सभी रिहा हो चुके हैं।