World News: अमेरिका का सरकारी शटडाउन अब 22वें दिन में पहुंच चुका है और यह अमेरिकी इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है। फंडिंग विवाद के चलते करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह रुक गई है, जिससे उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने का संकट खड़ा हो गया है।
सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फंडिंग बिल प्रस्ताव को 11 बार खारिज कर दिया है। इस गतिरोध की वजह ओबामा हेल्थकेयर सब्सिडी प्रोग्राम को लेकर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दलों के बीच चल रहा विवाद है। अमेरिका में वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है, और जब तक बजट पास नहीं होता, तब तक सरकारी कामकाज ठप हो जाता है — जिसे ‘शटडाउन’ कहा जाता है।
बिना वेतन के काम कर रहे जरूरी विभाग
शटडाउन का सबसे बड़ा असर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स, सेना, पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी जैसे आवश्यक सेवाओं पर पड़ा है। रिपोर्टों के अनुसार, एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की कमी के कारण उड़ानों में भारी देरी हो रही है। केवल रविवार को ही 7,800 उड़ानें विलंबित और 117 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
कई कर्मचारी अब गुजारे के लिए उबर चलाने, फूड डिलीवरी या अन्य अस्थायी नौकरियों में जुट गए हैं। उनकी सैलरी रुकी हुई है और ईएमआई व किराया चुकाने में कठिनाई पेश आ रही है।
सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर खतरा
शटडाउन की वजह से केवल प्रशासनिक ढांचा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजेंसी ने अपने 1,400 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा है। ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने चेतावनी दी है कि लगातार वित्तीय संकट से परमाणु सुरक्षा तंत्र पर गंभीर असर पड़ सकता है।
इसके अलावा, स्मिथसोनियन म्यूजियम जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान बंद कर दिए गए हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने संकेत दिया है कि इन्हें आंशिक रूप से खोला जा सकता है, लेकिन फिलहाल सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है।
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह शटडाउन लंबे समय तक जारी रहा तो इसका प्रभाव अमेरिकी बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी दिखाई देगा।

