World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को दो टूक चेतावनी दी है कि यदि वेस्ट बैंक पर कब्जे की दिशा में कोई कदम उठाया गया, तो इजरायल को अमेरिका का पूरा समर्थन खोना पड़ेगा।
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा अमेरिकी सरकार को बाइडेन प्रशासन की तरह न समझा जाए। एक अधिकारी ने कहा कि “इजरायली हमसे पुरानी ढर्रे की तरह बर्ताव नहीं कर सकते।”
यह सख्त बयान ऐसे समय आया है जब इजरायली संसद में वेस्ट बैंक के विलय पर मतदान हुआ। ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी कि यह कदम न केवल गाजा युद्धविराम को खतरे में डाल सकता है, बल्कि बंधक रिहाई समझौते को भी प्रभावित करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यदि नेतन्याहू किसी समझौते को बर्बाद करेंगे, तो ट्रंप उन्हें सबक सिखाएंगे।”
सऊदी और अरब देशों का विरोध
इस बीच, सऊदी अरब के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक अरब और मुस्लिम देशों ने इस कदम की खुले तौर पर निंदा की है। इन देशों ने वेस्ट बैंक के विलय के मत को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने भी इसे अवैध और अमान्य करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि इजरायल की यह कार्रवाई शांति और सहअस्तित्व के सिद्धांतों को चुनौती देती है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इजरायल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “एक मूर्खतापूर्ण राजनीतिक स्टंट” बताया। वेंस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीति स्पष्ट है — वेस्ट बैंक का कोई विलय स्वीकार्य नहीं।
ट्रंप की कूटनीतिक रणनीति पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि यदि नेतन्याहू सरकार वेस्ट बैंक पर आगे बढ़ती है तो यह कदम ट्रंप के सऊदी‑इजरायल सामान्यीकरण प्रयासों को झटका पहुंचा सकता है। बाइडेन दौर की तुलना में ट्रंप प्रशासन ने मध्य पूर्व नीति में कठोर रुख अपनाया है ताकि अमेरिका की क्षेत्रीय भूमिका को मजबूत किया जा सके।
ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि अमेरिका अब एकतरफा इजरायली कदमों को बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर तब जब यह क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालता हो।

