Ranchi News : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस एस.एन. प्रसाद ने कहा कि किसी भी संस्था के सुचारु संचालन के लिए सुदृढ़ बजट प्रबंधन अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वित्तीय अनुशासन के बिना न परिवार चल सकता है, न संस्था।
शनिवार को झालसा में आयोजित एकाउंट और ऑडिट प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में राज्यभर से आए डालसा सचिवों और न्यायिक पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बजट की पूर्व तैयारी आवश्यक है ताकि वित्तीय वर्ष के अंत में जल्दबाजी में धन खर्च करने जैसी स्थितियों से बचा जा सके।
जस्टिस प्रसाद ने बजट निर्माण में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि यह जनता के टैक्स का पैसा है, इसका सही और नियोजित उपयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बजट का प्रभावी उपयोग दुर्घटना बीमा, दुष्कर्म पीड़िता मुआवजा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में तत्काल किया जाना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि बजट तैयार करते समय पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLV) की राय अवश्य ली जाए, क्योंकि वे जमीनी हकीकत से भलीभांति परिचित होते हैं। इससे योजना निर्माण और धन आवंटन अधिक प्रभावी और यथार्थपरक हो सकता है।
जस्टिस प्रसाद ने चेतावनी दी कि अगर बजट उपयोग में लापरवाही या मनमानी की गई, तो यह वित्तीय अनियमितता मानी जाएगी और संस्था की विफलता का संकेत होगा। किसी भी संदेह की स्थिति में तत्काल झालसा से मार्गदर्शन लेने का सुझाव दिया गया।
इस अवसर पर हाई कोर्ट के जस्टिस ए.के. राय, रजिस्ट्रार जनरल, सचिव रंजना अस्थाना, दीपक कुमार साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।