Patna News: वैशाली जिले की महनार विधानसभा सीट बिहार चुनावी राजनीति का आकर्षण बनी हुई है। 2020 में राजद की बीना सिंह ने जदयू के उमेश सिंह कुशवाहा को हराया था, लेकिन इस बार फिर जदयू ने उमेश सिंह पर भरोसा जताया है, जिससे मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।
महनार में कुशवाहा समुदाय के वोटर निर्णायक भूमिका में हैं, वहीं दलित मतदाता भी चुनावी हार-जीत में महत्वपूर्ण असर डाल सकते हैं। जातीय समीकरण, राजनीतिक इतिहास और आर्थिक केंद्र के लिहाज से महनार की अहमियत लगातार बनी हुई है।
इस सीट पर दिग्गज समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्मस्थल भी है, जबकि मुनेश्वर प्रसाद सिंह यहां छह बार विधायक रह चुके हैं। रामा किशोर सिंह तीन बार जीत चुके हैं। महनार का एनडीए पर कभी दबदबा था, पर 2020 में राजद ने नई शक्ति पाई। अब राजद-जदयू में सीधा मुकाबला है।
आर्थिक दृष्टि से महनार थोक और खुदरा बाजार, उपजाऊ जमीन, अनाज व्यापार, फलो-फूल की खेती के लिए जाना जाता है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इसे कई शहरी केंद्रों से जोड़ती है, जिससे उत्पादों को व्यापार के लिए बाजार मिलता है।
इस बार महनार सीट पर सत्ता की चाबी कुशवाहा और दलित वोटरों के हाथों में है—उनका रुझान ही विधानसभा चुनाव का नतीजा तय करेगा।

