Bollywood News: दक्षिण भारतीय सिनेमा की महान अभिनेत्री बी सरोजा देवी का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे बीते कुछ समय से बीमार थीं और बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से न सिर्फ कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि तमिल, तेलुगु और हिंदी सिनेमा में भी शोक की लहर दौड़ गई है।
सरोजा देवी का करियर किसी प्रेरणा से कम नहीं रहा। उन्हें 60 और 70 के दशक में ‘कन्नड़तु पैंगिली’ यानी ‘कन्नड़ का तोता’ कहा जाता था। उनका व्यक्तित्व, स्टाइल और अदाकारी ने उस दौर की एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया। खासकर उनकी साड़ी पहनने का अंदाज़, ज्वेलरी और हेयरस्टाइल उस समय लड़कियों और महिलाओं के लिए फैशन स्टेटमेंट बन गया था।
करियर की शुरुआत 17 साल की उम्र में
बी सरोजा देवी ने 17 वर्ष की उम्र में साल 1955 में कन्नड़ फिल्म ‘महाकवि कालिदास’ से अभिनय की शुरुआत की थी। उनकी पहली ही फिल्म ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। बेहतरीन अभिनय के लिए उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। यही नहीं, सरोजा देवी ने अपने करियर में 1955 से 1984 तक लगातार 161 फिल्मों में लीड रोल निभाकर एक विश्व रिकॉर्ड भी बनाया।
चार भाषाओं की सुपरस्टार
सरोजा देवी उन चंद अदाकाराओं में से एक थीं जिन्होंने कन्नड़ के साथ-साथ तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी लीडिंग लेडी के तौर पर काम किया। वह अपने दौर की बहुभाषी सुपरस्टार थीं। उन्होंने न सिर्फ दक्षिण भारत के दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया, बल्कि हिंदी सिनेमा में भी दिलीप कुमार, राज कपूर, शम्मी कपूर और सुनील दत्त जैसे बड़े सितारों के साथ अभिनय किया।
1959 की फिल्म ‘पैगाम’ में दिलीप कुमार के साथ उनकी जोड़ी को खूब सराहा गया था। तमिल फिल्म ‘नादोडी मन्नान (1958)’ में एम. जी. रामचंद्रन के साथ उनका अभिनय ऐतिहासिक रहा, जिससे वे तमिल सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्री बन गईं।
शादी के बाद भी चमकता रहा करियर
अक्सर शादी के बाद अभिनेत्रियों का करियर धीमा पड़ जाता है, लेकिन सरोजा देवी एक अपवाद रहीं। उन्होंने 1967 में विवाह के बाद भी फिल्में कीं और विशेषकर तमिल फिल्म इंडस्ट्री में उनकी मांग बनी रही। उन्हें अभिनय के लिए ‘अभिनय सरस्वती’ की उपाधि दी गई थी।
महिलाओं की प्रेरणा रहीं सरोजा देवी
बी सरोजा देवी सिर्फ एक फिल्मी चेहरा नहीं थीं, वह महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल भी थीं। उनकी सादगी, सौंदर्य और आत्मविश्वास ने समाज में एक अलग छाप छोड़ी। वे जिस तरह से साड़ी पहनती थीं, वैसी ही साड़ी पहनने की होड़ महिलाओं में देखी जाती थी। उनका हेयरस्टाइल और ज्वेलरी पहनने का तरीका फैशन ट्रेंड बन गया था।
फिल्मी दुनिया को गहरा झटका
उनके निधन से फिल्मी जगत में गहरा शोक है। सोशल मीडिया पर फिल्मी सितारे, राजनेता और प्रशंसक श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनका जीवन, संघर्ष और सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक कथा है।