World News: इजरायल और हमास के बीच चल रहे लंबे युद्ध ने एक बार फिर इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। गाजा के नुसेरात शरणार्थी शिविर में हुए हालिया इजरायली हमले में बच्चों समेत कम से कम 8 लोगों की मौत और 17 घायल होने की पुष्टि हुई है। इजरायली रक्षा बल (IDF) ने हमले को तकनीकी गलती माना है और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमास और इजरायल के बीच अक्टूबर 2023 से जारी युद्ध में अब तक 58,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और हालिया बमबारी ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों की जान ले ली।
शरणार्थी शिविर बना मौत का अड्डा
गाजा के नुसेरात इलाके के अल-अवदा अस्पताल के आपातकालीन डॉक्टर अहमद अबू सैफान ने बताया कि मिसाइल हमला उस समय हुआ जब बच्चे और महिलाएं पानी भरने के लिए लाइन में खड़े थे। गाजा में पहले से ही पानी और ईंधन की भारी किल्लत है, जिससे जल शोधन और स्वच्छता प्रणाली ठप पड़ी है। लोग प्लास्टिक के कंटेनर लेकर केंद्रों पर पानी लेने आते हैं, लेकिन इस बार वहां मौत बरस गई।
IDF ने बयान जारी कर कहा कि हमले का लक्ष्य एक फिलिस्तीनी लड़ाका था, लेकिन मिसाइल लक्ष्य से चूककर शिविर पर गिर गई। उन्होंने गैर-लड़ाकों की मौत पर खेद जताया है और घटना की जांच शुरू कर दी है।
बाजार में भी बरसी तबाही
इसी के साथ गाजा सिटी के एक व्यस्त बाजार में भी मिसाइल हमला हुआ, जिसमें 95 लोगों की जान गई। फिलहाल IDF ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हमला अचानक हुआ और लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। बाजार में हर उम्र के लोग खरीदारी करने आए थे, लेकिन कुछ ही पलों में पूरा इलाका शवों और चीख-पुकार से भर गया।
गाजा का विनाश और बंधकों का मुद्दा
गाजा में 20 लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। इजरायल का सैन्य अभियान हर दिन नई तबाही ला रहा है। हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इजरायली नागरिक मारे गए थे और 251 बंधकों को गाजा ले जाया गया था, जिनमें से 50 अभी भी बंधक हैं। इनमें कम से कम 20 बंधकों के जिंदा होने की संभावना जताई गई है।
सीरिया में भी युद्ध की चिंगारी
मिडिल ईस्ट में केवल गाजा ही नहीं, बल्कि दक्षिणी सीरिया का स्वेदा शहर भी संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। यहां बेडौइन जनजातियों और स्थानीय ड्रूज़ लड़ाकों के बीच झड़पें हो रही हैं। रविवार को हुई हिंसा में कई लोगों की मौत हुई, जो अप्रैल और मई की हिंसक घटनाओं का ही विस्तार मानी जा रही है। यह इलाका अब पूरी तरह से अस्थिर हो चुका है।
ईरान के राष्ट्रपति पर हमले की कोशिश
इस बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जब ईरान के नवनियुक्त राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन राजधानी तेहरान में सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हो रहे थे, तभी इजरायल ने हमला कर दिया। यह हमला राष्ट्रपति समेत तीनों शाखाओं के प्रमुखों को निशाना बनाकर किया गया था। हालांकि राष्ट्रपति बाल-बाल बच गए, लेकिन यह हमला ईरान और इजरायल के बीच तनाव के बढ़ते स्तर को साफ दिखाता है।
क्या ये “तकनीकी गलती” वाकई संयोग है?
विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल द्वारा की गई ये बमबारी सिर्फ तकनीकी गलती नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश भी हो सकती है। हालांकि IDF ने बार-बार कहा है कि उनका लक्ष्य केवल हमास लड़ाके हैं, लेकिन हर बार बच्चों और आम नागरिकों की मौतें इस दावे को सवालों के घेरे में ला देती हैं।