Ranchi : भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से तैयार या संशोधित सामग्री के दुरुपयोग पर सख्त रुख अपनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग का कहना है कि इन नियमों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही को मजबूत करना है, ताकि मतदाताओं को किसी भी प्रकार की भ्रामक या परिवर्तित जानकारी से गुमराह न किया जा सके।
नए निर्देशों के अनुसार, यदि किसी भी प्रचार सामग्री चाहे वह वीडियो, तस्वीर या ऑडियो हो को एआई से तैयार किया गया है, तो उस पर स्पष्ट रूप से “कृत्रिम बुद्धिमत्ता से निर्मित” या “संशोधित सामग्री” अंकित होना अनिवार्य होगा। दृश्य सामग्री में यह चेतावनी कुल स्थान का कम से कम दस प्रतिशत भाग घेरेगी, जबकि ऑडियो में शुरुआती दस प्रतिशत हिस्से में इसका उल्लेख आवश्यक होगा।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति की आवाज, चेहरा या पहचान को भ्रामक तरीके से प्रस्तुत करने वाली सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी सभी एआई-निर्मित सामग्रियों का अभिलेख सुरक्षित रखा जाए, जिसमें निर्माता का नाम, निर्माण की तारीख और समय दर्ज हो।
निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि किसी आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री पाए जाने पर उसे तीन घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा। आयोग ने कहा कि तकनीक का उपयोग जिम्मेदारी और ईमानदारी से होना चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की साख बनी रहे।

