Ranchi : पुलिस ने सात महीने पुराने रामबली यादव हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा कर दिया है। चान्हो थाना क्षेत्र के बढ़ईया गांव में हुई इस हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी चंपा देवी उर्फ चंपा उरांव सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो नाबालिगों को निरुद्ध किया गया है। पुलिस ने इनके पास से एक देशी पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और दो बाइक बरामद किए हैं।
रांची ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने शनिवार को बताया कि रामबली यादव की हत्या उसी की दूसरी पत्नी चंपा देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। घटना के बाद शव को कुएं में फेंक दिया गया और जेसीबी से कुएं को पूरी तरह मिट्टी से भरवा दिया गया ताकि किसी को कोई सुराग न मिल सके।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रामबली यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बनारस का रहने वाला था। वह पहले से शादीशुदा था, लेकिन रांची आने के बाद उसने चंपा उरांव से दूसरी शादी कर ली थी और चान्हो में बस गया था। कुछ महीने पहले से उसका फोन बंद आने लगा और बनारस स्थित परिवार से संपर्क टूट गया। इस पर उसकी पहली पत्नी के बेटे राहुल यादव ने खोजबीन शुरू की और चान्हो थाने में एफआईआर दर्ज कराई। राहुल ने पिता की गुमशुदगी में चंपा पर संदेह जताया था।
पुलिस ने चंपा पर गुप्त रूप से नजर रखी। संदेह पुख्ता होने पर चंपा और उसके रिश्तेदार विष्णु उरांव को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार कर लिया और पूरी कहानी सामने आ गई।
चंपा ने बताया कि हत्या की जड़ जमीन बेचने से मिले पैसों को लेकर हुआ विवाद था। रामबली ने जमीन की बिक्री से प्राप्त राशि अपनी पहली पत्नी के पास बनारस भेज दी थी। इस बात से नाराज चंपा ने अपने परिचितों विष्णु उरांव, विकास उरांव, आशीष कुमार और दो नाबालिगों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
हत्या के दिन सभी ने मिलकर रामबली यादव को गोली मार दी, फिर शव को कुएं में फेंक दिया। इसके बाद कुएं को पूरी तरह जेसीबी से भरवा दिया गया ताकि कोई सबूत न बचे। पुलिस को जब कुएं में शव दफनाने की जानकारी मिली, तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खुदाई कर शव बरामद किया गया।
फिलहाल पुलिस ने चंपा देवी सहित चार आरोपितों को जेल भेज दिया है और दो नाबालिगों को बाल सुधार गृह में निरुद्ध किया गया है। पुलिस पूरे प्रकरण से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।