Ranchi : झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना अंतरराष्ट्रीय अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा अब रामगढ़ जेल से जमशेदपुर की अति सुरक्षित घाघीडीह केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जाएगा। जेल महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सुरक्षा कारणों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
विदेश से गिरफ्तार किया गया झारखंड का यह पहला अपराधी है जिसे अज़रबैजान की राजधानी बाकू से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। फिलहाल मयंक रामगढ़ जेल में बंद है, लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था इतनी सुदृढ़ नहीं है कि इस तरह के खतरनाक अपराधी को लंबे समय तक रखा जा सके। इसलिए उसे अब घाघीडीह जेल में स्थानांतरित किया जा रहा है, जो उच्च सुरक्षा मानकों के लिए जानी जाती है।
मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा, राजस्थान का निवासी है और अपराध जगत में उसका नाम कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई तथा झारखंड के अमन साव (मृत) से जुड़ा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लॉरेंस और मयंक ने अपराध की दुनिया में एक साथ कदम रखा था। मलेशिया में रहकर मयंक झारखंड में कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था और अमन साव के जरिए राज्य में अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहा था।
झारखंड एटीएस (ATS) को लंबे समय तक मयंक की पहचान नहीं मिल पा रही थी। पांच साल की जांच के बाद पुलिस ने पता लगाया कि असल में मयंक सिंह ही सुनील मीणा है, जो विदेश में बैठकर अपराध का संचालन कर रहा था। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया, जिसके बाद उसे अज़रबैजान से गिरफ्तार कर भारत लाया गया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मयंक सिंह के खिलाफ कुल 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, फिरौती, धमकी और रंगदारी के गंभीर आरोप शामिल हैं। इनमें से सर्वाधिक 12 से अधिक मामले हजारीबाग जिले में दर्ज हैं। इसके अलावा रांची, रामगढ़, गिरिडीह और पलामू में भी उसके खिलाफ कई केस लंबित हैं।
मयंक सिंह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय था और विदेश में रहकर इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारियों से रंगदारी मांगने और धमकाने का काम करता था। पुलिस के अनुसार, अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई के बीच की कड़ी के रूप में मयंक ने कई अपराधों की साजिश रची थी। अब सुरक्षा की दृष्टि से उसकी जेल बदली जा रही है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।