Health News: सर्दी का मौसम आते ही तापमान में उतार-चढ़ाव और ठंडी हवाओं के कारण बच्चे और बड़े दोनों ही आसानी से सर्दी-जुकाम और खांसी की चपेट में आ जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर की इम्युनिटी मजबूत हो तो ये मौसमी बीमारियां खुद-ब-खुद दूर रहती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, प्राकृतिक और घरेलू उपचार इनसे बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका हैं, जिनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
काढ़ा और भाप से मिलेगी तुरंत राहत
खांसी-जुकाम से बचने के लिए सबसे असरदार उपाय है काढ़ा पीना। अदरक, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी और शहद से बना यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और गले की खराश व कफ में राहत देता है। इसे दिन में दो बार पीने से शरीर गर्म रहता है और संक्रमण का असर कम होता है।
इसके साथ ही भाप लेना भी बेहद फायदेमंद है। अगर नाक बंद है या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो भाप लेने से तुरंत राहत मिलती है। नाक से भाप लेने से श्वसन नलियां खुलती हैं और छाती की जकड़न कम होती है। यह तरीका बच्चों और बड़ों दोनों के लिए कारगर है।
सरसों का तेल और मुलेठी से खांसी का इलाज
आयुर्वेद में सरसों का तेल और मुलेठी को सर्दी-खांसी के बेहतरीन इलाज के रूप में जाना जाता है। नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालने से जकड़न और नाक बंद होने में राहत मिलती है। वहीं, मुलेठी का काढ़ा पुरानी खांसी को भी जड़ से खत्म कर देता है। रात को सोने से पहले सरसों के तेल में अजवाइन और लहसुन डालकर हल्का गर्म करें और गर्दन व छाती पर मालिश करें। यह शरीर को गर्म रखता है और ठंड के असर को कम करता है। साथ ही दिनभर हल्का गर्म पानी पीना संक्रमण से बचाव में मदद करता है।

