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Interesting News: भारत की पावन धरती पर कई ऐसे रहस्य छिपे हैं, जहां विज्ञान के तर्क अक्सर घुटने टेक देते हैं। ऐसा ही एक अविश्वसनीय चमत्कार तमिलनाडु के रामेश्वरम में देखने को मिलता है। यहां ‘विल्लुण्डी तीर्थम’ नाम का एक पवित्र स्थल है, जहां खारे समंदर के बिल्कुल करीब एक ऐसा कुआं स्थित है, जिसका जल अमृत जैसा मीठा है। आज तक कोई भी भूवैज्ञानिक इस पहेली को नहीं सुलझा पाया है कि समंदर की लहरों के बीच आखिर मीठा पानी कहां से आ रहा है।
आस्था और विज्ञान के बीच रहस्य: रामेश्वरम के विल्लुण्डी तीर्थम में खारे समंदर के सीने से निकलता मीठा जल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर वापस अयोध्या लौट रहे थे, तब इसी स्थान पर माता सीता को तीव्र प्यास लगी थी।
श्रीराम का ‘बाण’ और त्रयम्बकेश्वर महादेव का आशीर्वाद
कहते हैं कि माता सीता की व्याकुलता देखकर भगवान श्रीराम ने अपना धनुष उठाया और भूमि पर बाण से प्रहार किया। बाण लगते ही वहां से मीठे पानी का एक झरना फूट पड़ा। तमिल भाषा में ‘विल्लुण्डी’ का अर्थ बाण से बना छेद और ‘तीर्थम’ का अर्थ पवित्र स्थान होता है। भक्त मानते हैं कि इस जल में औषधीय गुण हैं और इससे शारीरिक रोगों का नाश होता है।
इस कुएं तक जाने वाले रास्ते में भगवान शिव का एक प्राचीन और छोटा मंदिर त्रयम्बकेश्वर स्थित है। माना जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम और माता सीता ने की थी। भक्त पहले महादेव की आराधना करते हैं, फिर इस चमत्कारी कुएं के दर्शन करते हैं। रामेश्वरम के 64 पवित्र कुओं में से यह सबसे विशेष माना जाता है। यहां से कुछ ही दूरी पर पंचमुखी हनुमान, अग्नि तीर्थम और धनुषकोडी जैसे अन्य सिद्ध तीर्थ स्थल भी मौजूद हैं, जो इस पूरे क्षेत्र को ईश्वरीय ऊर्जा से भर देते हैं।

