Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने जनसुराज के तीन उम्मीदवारों को धमकाकर या प्रलोभन देकर नामांकन से पीछे हटने पर मजबूर किया।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने कहा, “हमारे तीन उम्मीदवारों को या तो नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया गया या उन्हें वापस लेने पर मजबूर किया गया। यह सब भाजपा के इशारे पर हुआ।” उन्होंने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि दानापुर सीट से जनसुराज उम्मीदवार अखिलेश शाह नामांकन के दिन गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठे थे। किशोर ने आरोप लगाया कि “अमित शाह ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर हमारे उम्मीदवार को रोके रखा ताकि वह नामांकन नहीं कर सके।”
“भय और भ्रम का माहौल बना रही भाजपा”
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि भाजपा बिहार में डर और भ्रम का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी लोगों को जंगलराज के नाम पर डरा रही है और यह भ्रम फैला रही है कि चाहे कोई भी जीते, सरकार वही बनाएगी।” किशोर ने यह भी कहा कि भाजपा अब जनता नहीं, बल्कि सत्ता के भय से चुनाव जीतना चाहती है।
उन्होंने कहा, “जो बाहुबली जेल में है, उसका उपयोग भाजपा अपने फायदे के लिए कर रही है। हमारे उम्मीदवार को अपहरण के नाम पर गुमराह किया गया, जबकि वह अमित शाह के साथ बैठे थे। यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।”
“जनसुराज पीछे नहीं हटेगा”
किशोर ने कहा कि पिछले चार–पांच दिनों से उनकी पार्टी के घोषित उम्मीदवारों को धमकियां दी जा रही थीं। “उन्हें घरों में नजरबंद जैसा बना दिया गया, ताकि वे प्रचार न कर सकें,” उन्होंने कहा।
जनसुराज प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा और एनडीए से नहीं डरेगी। “चाहे जितनी धमकियां दें या उम्मीदवार खरीदने की कोशिश करें, हम पीछे नहीं हटेंगे। परिणाम 14 नवंबर को सबके सामने होंगे,” उन्होंने जोड़ा।
बिहार के दो चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव में इसे अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक विवाद माना जा रहा है।

