छोटानागपुर के महान समाज सेवक और धर्म प्रचारक, ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स की पुण्यतिथि के अवसर पर चैनपुर में वार्षिक बेंदोरा महातीर्थ यात्रा का आयोजन अपार श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ किया गया। गुरुवार को आयोजित इस समारोह में हजारों की संख्या में ख्रीस्तीय विश्वासी अपने “छोटानागपुर के प्रेरित” को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए। यह कार्यक्रम फादर लीवन्स के सामाजिक न्याय, शिक्षा और कमजोरों के उत्थान के लिए किए गए अविस्मरणीय योगदान को समर्पित था।समारोह का शुभारंभ एक अत्यंत पवित्र वातावरण में रोजरी माला के पाठ के साथ हुआ। इसके पश्चात, शांति के प्रतीक के रूप में ध्वजारोहण किया गया और अज्ञान पर ज्ञान की विजय के प्रतीक स्वरूप पवित्र मशाल प्रज्वलित की गई। इस अवसर पर टी.एस. डीकन ने फादर कॉन्सटंट लीवन्स के प्रेरक जीवन और उनके मिशन पर विस्तार से प्रकाश डाला।कार्यक्रम का मुख्य अनुष्ठान गुमला धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष, बिशप स्वामी डॉक्टर लिनुस पिंगल एक्का द्वारा पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित करना था। अपने मार्मिक उद्बोधन में धर्माध्यक्ष ने फादर लीवन्स को ईश्वर का एक महान उपहार और एक ख्रीस्तीय वरदान बताया। उन्होंने कहा, “फादर लीवन्स बेल्जियम से आकर बरवे की इस भूमि पर विश्वास का बीज बोने वाले पहले व्यक्ति थे। उनका जीवन और कार्य उस दैदीप्यमान मशाल की तरह है, जो आज भी पूरे छोटानागपुर को ज्ञान और न्याय के प्रकाश से आलोकित कर रही है। उन्होंने हमें न केवल आध्यात्मिक मार्ग दिखाया, बल्कि शोषित आदिवासियों के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई भी लड़ी।” उन्होंने फादर लीवन्स द्वारा दिए गए नारे “मशाल जलती रहे” का उल्लेख करते हुए सभी को उनके दिखाए प्रेम, न्याय और विश्वास के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।इस अवसर पर गुमला धर्मप्रांत के विकर जनरल, फादर जैफ्रीनियुस तिर्की ने अपने संदेश में कहा कि फादर लीवन्स का मिशन केवल धर्म प्रचार तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक मुक्ति का एक शक्तिशाली आह्वान था। उन्होंने कहा, “फादर लीवन्स का मुख्य उद्देश्य गरीबों को स्थानीय जमींदारों के अत्याचार और शोषण से मुक्ति दिलाना था। उन्होंने वकीलों के साथ मिलकर कानूनी लड़ाइयाँ लड़ीं और आदिवासियों को उनकी ज़मीन का हक़ वापस दिलाया।” उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि फादर लीवन्स का मानना था कि शिक्षा ही गरीबी और गुलामी से स्थायी मुक्ति का एकमात्र साधन है।गौरतलब है कि ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स ने 19 मार्च 1885 को जमगाई गाँव में कदम रखा था और वहीं से छोटानागपुर के लोगों की निस्वार्थ सेवा का संकल्प लिया था।इस भव्य कार्यक्रम में फादर ख़रीस्तोफर, फादर राजेन्द्र तिर्की, फादर जुएल कुजुर, फादर अगस्तुस कुजुर, लाजरूस बैंग, फादर फुलजेन्स सोरेंग, फादर डेविड कुजुर, और फादर सिरिल समेत गुमला धर्मप्रान्त के कई फादर, धर्म बहनें और चैनपुर तथा टैंगो भिखारियेट के हजारों ख्रीस्त विश्वासी उपस्थित थे


