U.P. News: मेरठ के इस्माइल नेशनल महिला डिग्री कॉलेज में शनिवार को आयोजित एक प्रदर्शनी के दौरान सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विवाद खड़ा हो गया। ज्वेलरी स्टॉल लगाने पहुंची दो मुस्लिम युवतियां — मुनीरा और आयशा — को बुर्का पहनकर कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
जानकारी के अनुसार, दोनों युवतियों ने कॉलेज प्रशासन से पहले ही प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया था। लेकिन जैसे ही वे बुर्का पहनकर गेट पर पहुंचीं, वहां तैनात महिला सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका। कर्मचारियों ने कहा कि “कॉलेज के अंदर प्रवेश से पहले पहचान सुनिश्चित करना अनिवार्य है।” दोनों युवतियां बुर्का उतारने को तैयार नहीं हुईं, जिस पर बहस हुई और अंततः वे बिना स्टॉल लगाए वापस लौट गईं।
कॉलेज प्रशासन ने बताया कि यह घटना नियमों के अनुसार हुई है। कॉलेज की प्राचार्य ने स्पष्ट किया कि यह कदम धार्मिक नहीं बल्कि सुरक्षा कारणों से उठाया गया है। उन्होंने बताया कि परिसर के भीतर चेंजिंग रूम की सुविधा है, जहां आगंतुक बुर्का बदलकर प्रदर्शनी में हिस्सा ले सकते हैं।
दूसरी ओर, मुनीरा और आयशा ने कॉलेज प्रशासन के निर्णय को अनुचित बताया। उनका कहना है कि बुर्का उनकी धार्मिक पहचान और आस्था का प्रतीक है, और इसे हटाने के लिए मजबूर करना भेदभावपूर्ण रवैया है। उन्होंने कहा कि “हम पहले से पंजीकृत प्रतिभागी थीं, फिर भी हमें सिर्फ बुर्का की वजह से रोका गया।”
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। कुछ लोग कॉलेज प्रशासन के सुरक्षा कारणों को सही मानते हैं, जबकि कई इसे वैयक्तिक धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं। फिलहाल, कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि नियम सभी आगंतुकों के लिए समान हैं और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया गया है।

