Ranchi : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में लूट और अवैध गतिविधियां उनके संरक्षण में चल रही हैं।
मरांडी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि समाचारों से यह जानकारी मिल रही है कि फिलहाल जमानत पर बाहर रामगढ़ पुलिस का वांटेड अपराधी राजेश राम डीजीपी कार्यालय में लगातार आता-जाता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब राजेश राम पहली बार गिरफ्तार हुआ था, तब इंस्पेक्टर गणेश सिंह ने भुरकुंडा थाना प्रभारी से बात की थी। मरांडी के अनुसार, यही गणेश सिंह डीजीपी के “अवैध संसाधन” इकट्ठा करने वाली टीम का हिस्सा हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने एक वायरल ऑडियो का जिक्र करते हुए दावा किया कि पुलिस मुख्यालय में तैनात, डीजीपी के करीबी माने जाने वाले सिपाही रंजीत राणा ने ओडिशा के उस कारोबारी से संपर्क करने की कोशिश की, जिससे राजेश राम ने कथित रूप से 65 लाख रुपये की वसूली की थी। मरांडी ने कहा कि यह घटनाएं भले ही फिल्मी कहानी जैसी लगें, लेकिन यह सच्चाई है। उनके अनुसार, राजेश, गणेश, राणा, दीपक जैसे लोग इस “महालूट” के किरदार मात्र हैं, जो मुख्यमंत्री और डीजीपी के इशारे पर गैरकानूनी गतिविधियां कर रहे हैं।
मरांडी ने आगे कहा कि उन्होंने इस विषय पर 1 मई 2025 को ट्वीट कर सरकार को चेताया था। उन्होंने सवाल उठाया कि शराब घोटाले में समय पर चार्जशीट दाखिल न कर जिन माफियाओं को ज़मानत दिलवाई गई, उसमें सौ करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ। इसमें मुख्यमंत्री की हिस्सेदारी कितनी थी और अगर नहीं थी, तो चार्जशीट दाखिल न कर पाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि करीब 30 साल पहले जब तकनीक आज जितनी विकसित नहीं थी, तब भी जांच एजेंसियों ने चारा घोटाले का खुलासा कर दोषियों को सजा दिलाई थी। अब तो तकनीक काफी उन्नत है, इसलिए यह मान लेना गलत होगा कि आप मनमानी कर बच सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि देर-सबेर इन “महाघोटालों” में शामिल लोग पकड़े जाएंगे और सजा भी होगी।

