Ranchi : कुरमी समाज को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने के विरोध में 17 अक्टूबर को राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान, धुर्वा में विशाल आदिवासी हुंकार महारैली आयोजित की जाएगी। इस निर्णय की घोषणा शुक्रवार को रांची में आयोजित आदिवासी बचाओ मोर्चा और विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक संगठनों की संयुक्त बैठक में की गई।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आदिवासी जन परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि कुरमी समाज की ओर से की जा रही ST में शामिल होने की मांग आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आरक्षण और भूमि अधिकारों को हड़पने की कोशिश है। उन्होंने इसे आदिवासी समुदाय को कमजोर करने और हाशिये पर धकेलने की बड़ी साजिश बताया। प्रेम शाही मुंडा ने साफ कहा कि आदिवासी समाज किसी भी सूरत में गैर-आदिवासी जातियों की “घुसपैठ” को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की अध्यक्ष गीताश्री उरांव ने बताया कि महारैली की तैयारी राज्यभर में तेज कर दी गई है। इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में लगातार बैठकें, जनसंपर्क अभियान और आम सभाएं आयोजित की जाएंगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हो सकें।
आदिवासी महासभा के देव कुमार धान ने कहा कि महारैली की तैयारियों को मजबूत करने के लिए सभी आदिवासी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की संयुक्त तैयारी समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा और विस्तृत ज्ञापन सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि कुरमी समाज की ST मांग ऐतिहासिक तथ्यों, मानवशास्त्रियों के अध्ययन, पुरातात्विक खोजों, पॉपुलेशन जेनेटिक और डीएनए रिपोर्ट्स पर खरी नहीं उतरती। इसलिए राज्य के सभी आदिवासी समुदाय, संगठन, छात्र और युवा इस अनुचित मांग का तर्कपूर्ण विरोध करें।
बैठक में कई प्रमुख आदिवासी नेताओं ने हिस्सा लिया। इनमें लक्ष्मी नारायण मुंडा, बेदिया विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष शंकर बेदिया, केंद्रीय 17 सरना समिति के अध्यक्ष नारायण उरांव, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, राजी पड़हा प्रार्थना सभा के चंपा उरांव, खरवार भोक्ता समाज के अध्यक्ष दर्शन गंझु और भूमिज मुंडा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सरदार शामिल थे। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि 17 अक्टूबर की महारैली ऐतिहासिक होगी और आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

