Ranchi News : झारखंड में 10-26 जून तक चले राज्यव्यापी मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध जागरूकता अभियान का समापन समारोह डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यह अभियान का अंत नहीं बल्कि नशा मुक्त और अपराध मुक्त झारखंड की ओर एक नई शुरुआत है।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की संवेदनशील सोच और दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार नशे जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने ज़ोर दिया कि नशे के बड़े सौदागरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बताया कि राज्य में अफीम की खेती के खिलाफ चलाया गया अभियान व्यापक और प्रभावशाली रहा। 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया है, जिसे उन्होंने “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता” करार दिया। पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने कहा कि खूंटी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस अभियान में भागीदारी की है। अब तक 350 मामले दर्ज हुए हैं और 318 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने सुझाव दिया कि नशा उन्मूलन से संबंधित विषयों को स्कूली पाठ्यक्रमों में जोड़ा जाए और NSS वालंटियर को अभियान से जोड़ा जाए। वहीं, गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि राज्य की 238 पंचायतें अफीम खेती से प्रभावित हैं और भविष्य में भी जागरूकता अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने जानकारी दी कि पिछले दो हफ्तों में 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें 22 लाख बच्चे शामिल हुए। इस अभियान में डोर-टू-डोर प्रचार, मास्टर ट्रेनर की तैनाती और यूनिसेफ की तकनीकी सहायता प्रमुख रही।
समाज कल्याण सचिव मनोज कुमार ने अभियान को एक मानवीय पहल बताया, जिसमें दंड के साथ-साथ नशा पीड़ितों के पुनर्वास पर भी ज़ोर दिया गया।
समारोह में विभिन्न विभागों और स्वयंसेवी संगठनों को सम्मानित किया गया। साथ ही resistjharkhand.gov.in पोर्टल का लोकार्पण भी किया गया, जहां नशा उन्मूलन से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध होगी।