Ranchi News : झारखंड में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) फंड के प्रभावी और पारदर्शी उपयोग को लेकर रांची में रविवार को एक अहम प्री-मीट का आयोजन किया गया। मिशन ब्लू फाउंडेशन और आई-थ्री फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में यह बैठक आयोजित की गई, जो आगामी झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव (CSR Conclave) 2025 की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस बैठक का मुख्य विषय “जनजातीय कल्याण” रहा, जिसमें झारखंड के 30 से अधिक जनजातीय समुदायों के अगुआ और लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने एक सुर में कहा कि सीएसआर फंड का उपयोग ऐसे क्षेत्रों में होना चाहिए, जो सीधे आमजन, विशेषकर आदिवासी समाज के जीवन स्तर को बेहतर बना सके।
प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सीएसआर फंड को प्राथमिकता के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद, पारंपरिक कला-संस्कृति, स्वच्छ पेयजल और अंधविश्वास उन्मूलन जैसे बुनियादी और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित किया जाना चाहिए।
मिशन ब्लू फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि इस प्री-मीट का उद्देश्य कॉर्पोरेट कंपनियों के सहयोग को जनजातीय समाज के वास्तविक विकास की दिशा में मोड़ना है। उन्होंने कहा कि यह मीटिंग भविष्य के लिए एक दिशा तय करेगी, ताकि झारखंड की पारंपरिक पहचान और सामाजिक समरसता को मजबूती मिल सके।
पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि यदि सीएसआर फंड का उपयोग वास्तविक समस्याओं की पहचान के आधार पर किया जाए, तो समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंच सकता है। उन्होंने सीएसआर पॉलिसी में सुधार की आवश्यकता जताई।
पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने पारदर्शिता और समन्वय पर बल देते हुए कहा कि अगर सीएसआर फंड का सही उपयोग हो, तो शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाया जा सकता है।
आई-थ्री फाउंडेशन के राजीव गुप्ता ने कहा कि झारखंड के विकास में जनजातीय समाज की भागीदारी बेहद अहम है और उन्हें हर निर्णय में शामिल करना जरूरी है।
इस अवसर पर सेल बोकारो के जीएम हेमू टोप्पो, बीएसएनएल के उमेश प्रसाद साह, पीएचडी चैंबर के मंतोष कुमार, राजू पोद्दार, राहुल कुमार और बिंदेश्वर उरांव समेत कई गणमान्य मौजूद थे।