Ranchi News : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में झारखंड राज्य के लिए तीन अहम और दूरगामी प्रभाव वाले निर्णयों को स्वीकृति दी गई। ये निर्णय राज्य के न्यायिक ढांचे, सुरक्षा बलों की भर्ती प्रक्रिया और स्वास्थ्य सेवाओं के नामकरण से जुड़े हैं।
1. अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण मामलों के लिए विशेष न्यायालय की स्वीकृति
डाल्टनगंज न्यायमंडल क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संशोधित धारा 14(1) के अंतर्गत दर्ज मामलों के त्वरित विचारण हेतु विशेष न्यायालय के गठन की मंजूरी दी गई है। यह न्यायालय ऐसे मामलों की शीघ्र सुनवाई और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में मददगार होगा। इसका उद्देश्य है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के मामलों में कानूनी प्रक्रिया को तेज किया जाए, जिससे आरोपियों को दंडित किया जा सके और पीड़ितों का भरोसा न्याय प्रणाली में बना रहे।
2. पुलिस, कक्षपाल, सिपाही (गृह रक्षा वाहिनी), उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
झारखंड राज्य में पुलिस बल की विभिन्न इकाइयों के लिए “संयुक्त भर्ती नियमावली, 2025” का गठन किया गया है। इस नई नियमावली के बाद पूर्व में प्रकाशित सभी भर्ती विज्ञापनों को रद्द करने की स्वीकृति दी गई है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि पूर्व में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को भविष्य में शुल्क से छूट दी जाएगी। साथ ही सभी वर्गों के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में छूट देने का भी निर्णय लिया गया है। इससे उन अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी जो पिछली प्रक्रियाओं में शामिल हुए थे लेकिन नियुक्ति नहीं हो सकी। नए नियम से भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, समावेशी और न्यायोचित होगी, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को बेहतर अवसर मिल सकेगा।
3. अटल मोहल्ला क्लीनिक योजना का नाम बदला, अब बनेगा ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक’
राज्य की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना “अटल मोहल्ला क्लीनिक” का नाम बदलकर अब “मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक” कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। सरकार का मानना है कि मदर टेरेसा के नाम से यह योजना लोगों के दिलों में अधिक भरोसा और सेवा भाव पैदा करेगी। साथ ही, इसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा और जरूरतमंदों तक बेहतर उपचार पहुंचाया जाएगा।
इन तीन महत्वपूर्ण निर्णयों से स्पष्ट है कि झारखंड सरकार न्याय, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सजग और सक्रिय है। विशेष न्यायालय का गठन सामाजिक न्याय को बल देगा, नई भर्ती नीति युवाओं के लिए अवसर खोलेगी और स्वास्थ्य क्लीनिक का नाम परिवर्तन समाज में सेवा भाव को प्रेरित करेगा। इन फैसलों से यह भी संकेत मिलता है कि राज्य सरकार अपने नागरिकों के हित में संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ काम कर रही है।

