Ranchi News : रांची के कोकर स्थित गड़हा टोली इलाके में पिछले 30 वर्षों से संचालित YMCA बालवाड़ी विद्यालय, जिसे स्थानीय लोग “छोटा YMCA” या “खिचड़ी स्कूल” के नाम से जानते हैं, अब बदलाव की दहलीज पर है।
यह स्कूल मुख्यतः गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा का एकमात्र केंद्र है। लेकिन यहां केवल एक कक्षा में नर्सरी से केजी तक की पढ़ाई होती है। इलाके के समाजसेवी मो. शबीर कुरैशी ने इस विद्यालय की बदहाल स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), राज्य बाल आयोग और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को एक जनहित प्रस्ताव भेजा था।
उनका प्रस्ताव था कि इस स्कूल को 1 से 6 (या 8) तक विस्तार दिया जाए, दो मंजिला भवन बने, शुद्ध पेयजल, शौचालय, बिजली, बैठने की सुविधा के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक पुस्तकालय और कोचिंग की व्यवस्था हो।
इस मुद्दे पर अब NCPCR के रजिस्ट्रार राजेश कुमार सिंह ने संज्ञान लेते हुए रांची के उपायुक्त को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश जारी कर दिया है। यह निर्णय उन सैकड़ों बच्चों के लिए आशा की किरण लेकर आया है जो अब भी शिक्षा से वंचित हैं और कूड़ा-कचरा चुनने को मजबूर हैं।
मो. शबीर कुरैशी का कहना है कि यदि YMCA इस निर्माण को करने में असमर्थ हो, तो वे स्थानीय लोगों, प्रशासन और CSR कंपनियों के सहयोग से यह कार्य करवाने को तैयार हैं, बशर्ते YMCA लिखित अनुमति दे।
यह पहल ना सिर्फ एक स्कूल को पुनर्जीवित करने की है, बल्कि एक पूरे समुदाय को सामाजिक उत्थान की ओर ले जाने का प्रयास है। आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय, नगर आयुक्त, वार्ड पार्षद और उपायुक्त को भी भेजी गई है ताकि समन्वय से विकास संभव हो सके। अब सबकी नजर रांची प्रशासन पर टिकी है कि वह इस समाजिक जन-आवाज को किस तरह से अमल में लाता है।