Ranchi News : झारखंड के चिकित्सा क्षेत्र की एक मजबूत नींव मानी जाने वाली वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा चक्रवर्ती का बुधवार को निधन हो गया। वे 85 वर्ष की थीं और पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। रांची के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांसें लीं। उनके निधन से न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

डॉ. शोभा चक्रवर्ती का नाम झारखंड की महिला स्वास्थ्य सेवाओं से इस तरह जुड़ा रहा, मानो वे स्वयं इस सेवा की परिभाषा बन गई हों। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन महिलाओं के स्वास्थ्य कल्याण को समर्पित कर दिया। वे राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) रांची के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख (HOD) भी रहीं। उनके कार्यकाल में विभाग ने न सिर्फ कई उपलब्धियाँ हासिल कीं, बल्कि नवाचार और तकनीकी विकास की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति की।
डॉ. समरीना कमाल ने जताया गहरा शोक, कहा- मेरी मार्गदर्शक थीं
सदर अस्पताल, रांची में पदस्थापित एसोसिएट प्रोफेसर सह स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. समरीना कमाल ने डॉ. शोभा चक्रवर्ती के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा, “डॉ. चक्रवर्ती मेरी गुरु और मार्गदर्शक थीं। जीवन के हर मोड़ पर उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उनके जाने से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।”
डॉ. कमाल ने यह भी कहा डॉ. चक्रवर्ती केवल एक डॉक्टर नहीं, बल्कि महिला स्वास्थ्य की सशक्त प्रतिनिधि थीं। उन्होंने हजारों महिलाओं को मातृत्व का सुख दिलाने में मदद की और अपने स्नेहिल व्यवहार से सभी के दिलों में विशेष स्थान बनाया। उनका जाना स्त्री रोग विशेषज्ञों की दुनिया का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त होने जैसा है।
मरीजों के लिए थीं सेवा और संवेदना की मिसाल
डॉ. कमाल ने कहा डॉ. चक्रवर्ती की सबसे बड़ी पहचान थी उनका सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार। मरीजों के प्रति उनके अंदर गहरी संवेदना थी। वे हमेशा इस बात पर जोर देती थीं कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और समय पर इलाज कराएं। उन्होंने कई बार आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया और उन्हें चिकित्सा सुविधा प्रदान की। उनका मानना था कि चिकित्सा केवल पेशा नहीं बल्कि सेवा है। इसी सोच के साथ उन्होंने अपना पूरा जीवन मरीजों के कल्याण में लगा दिया। उनके साथ काम करने वाले डॉक्टर और स्टाफ उन्हें एक अनुशासित, सख्त लेकिन बेहद मददगार इंसान के रूप में याद करते हैं।
शिक्षा और शोध में भी था विशेष योगदान
डॉ. चक्रवर्ती की शिष्या रहीं डॉ. कमाल ने कहा वे केवल एक क्लिनिकल एक्सपर्ट नहीं थीं, बल्कि एक उत्कृष्ट शिक्षिका भी थीं। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे व्यावहारिक ज्ञान देने में विश्वास रखती थीं और छात्र-छात्राओं को मेडिकल क्षेत्र में निपुण बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहीं। उनके मार्गदर्शन में कई रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए। उनके द्वारा किए गए शोध कार्य स्त्री रोग चिकित्सा में नई दिशा देने वाले सिद्ध हुए। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी और इनफर्टिलिटी जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।
झारखंड की महिला स्वास्थ्य सेवाओं की प्रतीक थीं डॉ. चक्रवर्ती
डॉ. समरीना कमाल का मानना है कि डॉ. शोभा चक्रवर्ती को झारखंड की महिला स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने समाज के सबसे उपेक्षित वर्ग महिलाओं के लिए निरंतर कार्य किया। स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, जागरूकता अभियान और मेडिकल शिक्षा के सुधार में उनकी भूमिका अहम रही। उनकी जीवनशैली, समर्पण और सोच आज भी झारखंड के कई युवा डॉक्टरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने यह साबित किया कि एक डॉक्टर न केवल मरीज की जान बचाता है, बल्कि समाज के विकास में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। डॉ कमाल ने कहा उनके शोध कार्य आने वाली पीढ़ी को हमेशा लाभान्वित करते रहेंगे।
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
डॉ. चक्रवर्ती की अंतिम विदाई के समय रांची के कई प्रमुख चिकित्सक, मेडिकल स्टूडेंट्स और उनके सैकड़ों पूर्व मरीज उपस्थित थे। सभी ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनका जाना एक युग का अंत है। चिकित्सा शिक्षा, महिला स्वास्थ्य और मानवीय मूल्यों के क्षेत्र में उनके योगदान को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। डाॅ कमाल ने कहा डॉ. चक्रवर्ती का जीवन एक प्रेरणादायक अध्याय था, जो आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि सेवा, समर्पण और संवेदना से ही चिकित्सा क्षेत्र को सच्चा रूप मिलता है।