Ranchi News : झारखंड राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक इन दिनों तकनीकी समस्या से जूझ रहे हैं। ई-विद्यावाहिनी ऐप, जो शिक्षक उपस्थिति के लिए अनिवार्य माध्यम बना है, अब परेशानी का कारण बनता जा रहा है। ऐप में लगातार आ रही तकनीकी खराबियों ने शिक्षकों का मानसिक तनाव बढ़ा दिया है।
राज्य के विभिन्न जिलों जैसे रांची, धनबाद, बोकारो, गुमला, खूंटी, लातेहार, दुमका, साहेबगंज, सिमडेगा और रामगढ़ में शिक्षकों ने शिकायत की है कि वे समय से पहले विद्यालय पहुँचने के बावजूद अपनी बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। खासकर ई-विद्यावाहिनी के हालिया अपडेट के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। जैसे ही ऐप खोला जाता है, “अपडेट अनिवार्य” का संदेश सामने आता है। अपडेट के बाद या अपने-आप अपडेट हो जाने पर कई मामलों में ऐप ने उपस्थिति दर्ज करना ही बंद कर दिया है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि विभाग के निर्देश के अनुसार यदि शिक्षक तीन दिनों तक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करते, तो उनकी अनुपस्थिति को ‘आकस्मिक अवकाश’ के रूप में दर्ज किया जाता है। इस कारण शिक्षक समय पर विद्यालय पहुंचने के बावजूद मानसिक तनाव में जी रहे हैं। उन्हें यह डर सताता रहता है कि कहीं उनकी अनुपस्थिति दर्ज न हो जाए।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद ने विभाग से अनुरोध किया है कि बिना समुचित परीक्षण के किसी भी ऐप अपडेट को लागू न किया जाए। उन्होंने कहा कि नियमित अंतराल पर इस ऐप में तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं, लेकिन विभाग समय रहते इन्हें सुधारने में विफल रहा है।
संघ ने स्पष्ट कहा है कि यदि जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो शिक्षकों की कार्यक्षमता और मनोबल दोनों प्रभावित होंगे। यह केवल एक तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि शिक्षकों की गरिमा और शिक्षण प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला मामला है। विभाग को चाहिए कि इस पर गंभीरता से विचार कर त्वरित कार्रवाई करे।

