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Ranchi News: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की भारी सफलता ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। झारखंड सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता इरफान अंसारी भी इसे लेकर खुलकर सामने आए। दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने साफ कहा कि “हम अभी भी सदमे में हैं। 202 सीटें आना कैसे संभव है?” उनका कहना था कि बिहार के नतीजों ने विपक्ष को मजबूर कर दिया है कि वह अगले चुनावों में एकजुट होकर लड़े।

“इतनी सीटें… कोई लहर भी नहीं थी”

अंसारी ने बातचीत में कहा कि न जनता में कोई लहर थी, न NDA के प्रति कोई खास समर्थन दिख रहा था, फिर भी इतना बड़ा बहुमत मिल गया। उन्होंने सवाल उठाया कि छह मंत्रियों को एक जैसा वोट कैसे मिला? और इसी आधार पर ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा- “अगर विपक्ष एकजुट होकर नहीं लड़ा, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलना ही था। बिहार में भी यही हुआ।”

ओवैसी फैक्टर और कांग्रेस की रणनीति

अंसारी ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। खड़गे ने उन्हें झारखंड में अंसारी समाज के युवाओं को ओवैसी से दूर रखने की जिम्मेदारी दी है। उनके मुताबिक, “हम सभी को साथ लेकर चलने वाले लोग हैं। हमें समाज को मजबूत करना है।” अंसारी ने यह भी दावा किया कि अगर महागठबंधन ने अल्पसंख्यक समुदाय से मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री का चेहरा पहले ही घोषित किया होता, तो चुनावी नतीजे बदल सकते थे। उनका कहना था कि जनता में इसको लेकर नाराजगी थी, जिसका फायदा ओवैसी ने उठाया।

“इमरान मसूद को मैं नहीं जानता”

जब उनसे इमरान मसूद के बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे झारखंड से आते हैं और मसूद को नहीं जानते। फिलहाल वे बिहार चुनाव की रिपोर्ट देने में लगे हैं। उन्होंने दोहराया कि नतीजे जैसे आए हैं, वे अब भी उन्हें “असंभव” मानते हैं।

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