Ranchi News : प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार और अफसाना निगार डॉ. कहकशां परवीन की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर मंगलवार को “एक शाम डॉ. कहकशां परवीन के नाम” शीर्षक से एक भावपूर्ण साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अंजुमन फरोग ए उर्दू के तत्वाधान में किया गया, जिसमें डॉ. परवीन के साहित्यिक योगदान और जीवन यात्रा को श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत कारी मुहम्मद आरिफ द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। इसके पश्चात मुहम्मद गालिब निश्तार ने डॉ. कहकशां परवीन का परिचय प्रस्तुत किया और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की एक खास उपलब्धि रही त्रैमासिक उर्दू पत्रिका “अदबी दुनिया” का लोकार्पण, जिसके संपादक दानिश अयाज हैं। इस अवसर पर डॉ. आलमगीर साहिल, उजैर हमजा पुरी और खुद संपादक दानिश अयाज ने पत्रिका के महत्व और डॉ. परवीन के साहित्यिक योगदान पर विचार साझा किए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नाटखट अजीमाबादी ने डॉ. कहकशां परवीन की लेखनी और व्यक्तित्व पर गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डॉ. परवीन उर्दू साहित्य की उन शख्सियतों में से थीं, जिन्होंने भावनाओं को अपनी कलम से सजीव बना दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में हजारीबाग से पधारे डॉ. जैन रामिश ने उनके साथ बिताए पुराने लम्हों को याद किया और कहा कि डॉ. साहिबा को साहित्य जगत हमेशा याद रखेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से आए डॉ. सरवर साजिद ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. कहकशां की रचनात्मकता, रांची विश्वविद्यालय से उनके जुड़ाव और उनकी शिक्षकीय जीवन यात्रा पर रोशनी डाली।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अब्दुल बासित ने कुशलता से किया। कार्यक्रम के अंत में मुकर्रम हयात ने अंजुमन फरोग ए उर्दू का तराना प्रस्तुत कर समां बांध दिया। इस अवसर पर डॉ. कफील अहमद, डॉ. सोफिया खातून, हिना आफरीन, चंद्रकांत चौरसिया सहित कई गणमान्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।