Ranchi News : झारखंड में शराब घोटाले के मामले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। दोनों पर लगभग 38 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इस संबंध में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि इनका निलंबन 20 मई से प्रभावी माना जाएगा।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 20 मई को ही इन दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार किया था और बाद में विशेष अदालत के आदेश पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ACB की जांच में यह सामने आया कि दोनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।
इस घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें शामिल अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता उजागर हो रही है। इसी क्रम में झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जियाडा) के रीजनल डायरेक्टर और झारखंड राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड (JSBCL) के तत्कालीन महाप्रबंधक (GM) सुधीर कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, JSBCL के वर्तमान जीएम (फाइनेंस) सुधीर कुमार दास को भी 21 मई से निलंबित कर दिया गया है।
सरकारी नियमों के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रहता है, तो उसे निलंबित किया जाना अनिवार्य होता है। इसी नियम के तहत इन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
राज्य सरकार और ACB की संयुक्त कार्रवाई इस बात की ओर संकेत करती है कि झारखंड सरकार अब भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रुख अपनाने के मूड में है। शराब कारोबार में हुए इस बड़े घोटाले को लेकर पहले से ही विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। अब जब उच्च पदस्थ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, तो यह मामला और भी राजनीतिक तूल पकड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं और कार्रवाई का दायरा और बढ़ सकता है।