Ranchi News : झारखंड के जमशेदपुर में सामने आए 800 करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर (GST) घोटाले के मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार सक्रिय है। इस बहुचर्चित घोटाले के मुख्य आरोपी विक्की भालोटिया उर्फ अमित अग्रवाल की ओर से ईडी की विशेष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की गई है। आरोपी पर शेल कंपनियों के नाम पर फर्जी GST एंट्री कर भारी पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप है।
मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पहले ही प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अब तक इस केस में कुल चार आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं—शिव कुमार देवड़ा, विक्की भालोटिया, कोलकाता के कारोबारी अमित गुप्ता और मोहित देवड़ा। ये सभी फिलहाल रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं।
बताया जा रहा है कि इन आरोपियों ने 90 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए फर्जी चालान तैयार कर सरकार को 800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है। इन फर्जी चालानों की कुल अनुमानित राशि करीब 14,325 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसके आधार पर अयोग्य टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया।
इस पूरे मामले में जीएसटी इंटेलीजेंस की ओर से पहले जांच की गई थी और दिनेश सिंह नामक जीएसटी अधिकारी के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। उसी के तहत शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता और अमित गुप्ता को जेल भेजा गया था। इनमें से सुमित और अमित गुप्ता जमशेदपुर के ही निवासी हैं।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जो इस बड़े पैमाने पर किए गए टैक्स फ्रॉड की पुष्टि करते हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि फर्जी कंपनियों और बोगस दस्तावेजों के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत फायदा उठाया गया।
इस घोटाले से न केवल राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि यह केस पूरे देश में जीएसटी सिस्टम की पारदर्शिता और निगरानी पर भी सवाल खड़े करता है। फिलहाल अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई बाकी है और ईडी की जांच आगे भी जारी रहेगी।