Giridih News: गिरिडीह में बुधवार की रात जिले की पुलिस ने एक ऐसे अवैध हथियार नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया, जिसकी भनक किसी को नहीं थी। पुलिस अधीक्षक को देर रात मिली गुप्त सूचना में बताया गया था कि गाण्डेय थाना क्षेत्र के महेशमरवा गाँव में शायर अली नामक व्यक्ति के घर पर पिछले कुछ दिनों से संदिग्ध लोग रह रहे हैं और वहां अवैध रूप से हथियार बनाए जा रहे हैं। सूचना की गंभीरता देखते हुए तुरंत सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई।
जमीन के नीचे बना था गुप्त कमरा
छापेमारी के दौरान पुलिस जब शायर अली के घर पहुँची, तो उन्हें सबसे बड़ा झटका तब लगा जब घर के भीतर जमीन के नीचे एक छिपा हुआ कमरा मिला। उसी कमरे में पांच युवक पिस्तौल बनाने में लगे थे। पुलिस ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कमरे के भीतर हथियार तैयार करने की मशीनें, कच्चा माल, अधबने पिस्तौल और गोलियों का जखीरा बिखरा पड़ा था।
बरामद हुआ भारी मात्रा में हथियार और मशीनरी
पुलिस ने मौके से कुल 6 तैयार पिस्तौल, 11 मैगजीन, 12 अधनिर्मित पिस्तौल, 13 बैरल, 12 स्लाइड, 6 बेस मिलिंग मशीन, ड्रिल मशीन, ढेरों पुर्जे, 250 ग्राम स्क्रू, स्प्रिंग, डाइस, हेक्सा ब्लेड, लोहे के फ्रेम, मोबाइल फोन और अन्य सामग्री बरामद की।
इसके अलावा, एक हीरो पैशन मोटरसाइकिल (JH10V5330) भी जब्त हुई है।
मुंगेर का हथियार नेटवर्क सामने आया
पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया कि यह पूरा नेटवर्क बिहार के मुंगेर से जुड़ा हुआ है, जो अवैध हथियार बनाने का कुख्यात केंद्र माना जाता है। अपराधियों ने बताया कि हथियार बनाने का सामान और मशीनें दो दिन पहले ही मुंगेर से लाई गई थीं।
मुख्य आरोपी उस्मान अंसारी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
गिरफ्तार अपराधियों का इतिहास भी खंगाला गया
सभी गिरफ्तार आरोपी पहले भी अलग-अलग राज्यों में हथियार निर्माण और तस्करी के मामलों में जेल जा चुके हैं।
फुरकान, कमरुदीन, चुन्ना और शमीर मल्लिक के खिलाफ बिहार के कई थानों में मामले दर्ज हैं।
छापेमारी टीम की सराहनीय भूमिका
इस ऑपरेशन में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जितवाहन उरांव और गाण्डेय थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह के साथ अहिल्यापुर, ताराटांड़ और गाण्डेय थानों के अधिकारियों ने छापेमारी की। तकनीकी शाखा की टीम भी लगातार इनपुट दे रही थी।
जिला पुलिस की बड़ी सफलता
जमीन के नीचे बनी इस गुप्त हथियार फैक्टरी के पकड़े जाने के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस नेटवर्क के और भी सदस्यों का पता जल्द चलेगा। पुलिस इसे जिले में अवैध हथियार कारोबार पर सबसे बड़ी कार्रवाई मान रही है।



