Ranchi News : रांची विश्वविद्यालय में डिजिटल इंटरैक्टिव बोर्ड और ऑटोमेटिक स्टेबलाइजर की खरीदारी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के रांची विश्वविद्यालय अध्यक्ष कैफ अली ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने GEM पोर्टल के माध्यम से इन उपकरणों की खरीद अधिक दामों पर की है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग झारखंड के मुख्यमंत्री से की है।
कैफ अली के अनुसार, रांची विश्वविद्यालय के 32 स्नातकोत्तर विभागों सहित विभिन्न संबद्ध कॉलेजों में इन डिजिटल बोर्ड्स को लगाया गया है। प्रत्येक विभाग में एक या दो और कॉलेजों में चार-पांच की संख्या में ये बोर्ड्स लगाए गए हैं। इन उपकरणों के साथ-साथ ऑटोमेटिक स्टेबलाइजर भी खरीदे गए हैं, जिनकी संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है। लेकिन इन सभी की खरीद में निर्धारित बाजार मूल्य से कहीं अधिक राशि खर्च की गई है।
NSUI अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता से रहित रही है और इसमें घोर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा के कार्यकाल में ऐसी कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनकी भी समुचित जांच आवश्यक है। उन्होंने मांग की कि कुलपति के कार्यकाल में हुई सभी प्रमुख खरीद और निर्णयों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
कैफ अली ने आगे कहा कि NSUI का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री से भेंट करेगा तथा उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों के पैसे की बर्बादी और भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रांची विश्वविद्यालय में छात्रों के हितों को सुरक्षित रखने और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह की आवाज़ें जरूरी हैं। NSUI की इस पहल से विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है, जिसकी जांच से ही सच्चाई सामने आ सकेगी।