Ranchi News : झारखंड की राजधानी रांची के निकट पिठोरिया थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन के खिलाफ आवाज उठाना एक पत्रकार को भारी पड़ गया। बीती रात 2 जून 2025 को एक निजी टीवी के सीनियर रिपोर्टर विजय कुमार को रिपोर्टिंग के दौरान बालू माफियाओं ने न सिर्फ घेर लिया, बल्कि उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी भी दी। यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।
विजय कुमार, जो पिठोरिया गांव के निवासी हैं, को रात लगभग 11 बजे सूचना मिली कि पिठोरिया चौक से रांची जाने वाले मार्ग पर ग्रामीणों ने बालू लदे एक हाईवा ट्रक को रोक रखा है। अपने एक सहयोगी सुनील कुमार (एक अन्य निजी न्यूज चैनल) के साथ विजय मौके पर पहुंचे तो पहले से घात लगाए बैठे बालू कारोबारी गुलफान (पिता कलाम खान, ग्राम हपुआ, जिला रामगढ़), प्रवीण प्रजापति (रातू चटकपुर), सीनू वर्मा (रातू), सामी अंसारी (पिस्का नगड़ी), मोनू ओझा (बुकरु) सहित 10-12 लोगों ने उन्हें घेर लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों के हाथों में हथियार थे और उन्होंने विजय को धमकाते हुए कहा, “बहुत बड़ा पत्रकार बनते हो, तुम्हारा खोपड़ी खोल देंगे।” इसके बाद उन्होंने विजय के साथ मारपीट की, गले की सोने की चेन छीन ली और उनकी शर्ट फाड़ दी। यह सब उस वक्त हुआ जब विजय उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने FIR में कहा है कि सभी आरोपी अपराधी प्रवृत्ति के हैं और हमेशा हथियार लेकर चलते हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है।
घटना के बाद विजय कुमार ने थाना प्रभारी को एक लिखित आवेदन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने प्रतिलिपि मुख्यमंत्री सचिवालय, पुलिस महानिरीक्षक, रांची के पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है।
बुढ़मू और कांके पत्रकार संघों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और डीजीपी से जल्द मिलने की घोषणा की है। पत्रकारों का कहना है कि अगर खबर दिखाने पर जान से मारने की धमकियां मिलने लगें और प्रशासन मूकदर्शक बना रहे, तो यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत चिंताजनक स्थिति है।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि पिठोरिया क्षेत्र में बालू माफियाओं का आतंक किस हद तक पहुंच चुका है और किस तरह स्थानीय प्रशासन की चुप्पी उन्हें संरक्षण दे रही है। अब सवाल यह है कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह भी एक फाइल बनकर बंद हो जाएगी?