Ranchi News : झारखंड की राजधानी रांची में जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम के दौरान रविवार की रात एक बड़ा मामला सामने आया। शहर के व्यस्त अल्बर्ट एक्का चौक पर बुर्का पहनकर घूम रहे एक युवक को भीड़ में मौजूद एक महिला ने पकड़ लिया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। समय रहते कार्रवाई कर पुलिस ने उस युवक को हिरासत में ले लिया, जिससे एक बड़ी अनहोनी टल गई।
पुलिस पूछताछ में आरोपी की पहचान किशोरगंज, चुनना भट्ठा निवासी प्रमोद कुमार सोनू के रूप में हुई है। फिलहाल कोतवाली थाना पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है और इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर उसने बुर्का पहनकर धार्मिक कार्यक्रम में प्रवेश क्यों किया था और इसके पीछे क्या मकसद था।
मुस्लिम महिला की सजगता से टली साजिश

घटना रविवार रात करीब 9 बजे की बताई जा रही है। जन्माष्टमी का पर्व मनाने के लिए भारी भीड़ अल्बर्ट एक्का चौक पर मौजूद थी। भीड़ में मौजूद एक मुस्लिम महिला ने बुर्का पहने उस युवक पर शक किया। महिला ने बताया कि उसने युवक को धक्का मारते हुए आगे बढ़ते देखा। संदेह गहराने पर महिला ने उसके जूते और हाथों पर गौर किया और समझ गई कि बुर्के के अंदर कोई महिला नहीं बल्कि युवक है।
तुरंत महिला ने पुलिस को सूचना दी। कोतवाली थाना प्रभारी आदिकांत महतो और ट्रैफिक पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और बिना किसी अफरा-तफरी के आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस उसे थाने ले आई और पूछताछ शुरू की।
क्या थी बड़ी साजिश?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आशंका जताई जा रही है कि आरोपी का इरादा किसी खुराफात को अंजाम देना था। भीड़भाड़ वाले धार्मिक कार्यक्रम में बुर्का पहनकर शामिल होने से यह शक और गहरा हो गया कि कहीं इसका मकसद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना तो नहीं था। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि क्या वह किसी संगठित साजिश का हिस्सा था या फिर किसी और के इशारे पर काम कर रहा था।
रांची की अमन पसंद छवि बची

ध्यान देने योग्य बात यह है कि अगर समय रहते वह मुस्लिम महिला चौकसी नहीं दिखाती तो स्थिति बिगड़ सकती थी और रांची का शांतिपूर्ण माहौल प्रभावित हो सकता था। महिला का कहना है कि युवक की हरकत मुसलमानों को बदनाम करने और धार्मिक तनाव पैदा करने की कोशिश थी।
फिलहाल आरोपी प्रमोद सोनू को जेल भेज दिया गया है। पुलिस उसके संपर्कों और मकसद की गहराई से जांच कर रही है। इस घटना ने रांची के लोगों को एक बड़ा सबक दिया है कि शहर की शांति और भाईचारे को बिगाड़ने की कोई भी कोशिश यहां कामयाब नहीं हो सकती।
नतीजा
रांची पुलिस और सतर्क महिला की बदौलत एक बड़ी साजिश विफल हो गई। यह घटना बताती है कि किसी भी त्योहार पर सुरक्षा और सतर्कता कितनी अहम होती है। अब सबकी निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं कि आरोपी के पीछे आखिर कौन लोग थे और उसका असली इरादा क्या था।

