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Social News: आधुनिक तकनीक जहां इंसानों का काम आसान कर रही है, वहीं कुछ ‘दिमागबाज’ लोग इसे ही ठगने के नए रास्ते निकाल रहे हैं। चीन के झेजियांग प्रांत के वेनझोउ शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने फेशियल रिकॉग्निशन (चेहरा पहचानने वाली तकनीक) और वर्क-कल्चर की ईमानदारी पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। यहां नेबरहुड कमेटी के कर्मचारियों ने ऑफिस न आकर भी पूरी सैलरी लेने का एक ऐसा जादुई तरीका निकाला जिसे सुनकर अधिकारी भी सन्न रह गए।
फोटो वाला मास्क और फर्जी हाजिरी: कैसे खुला राज?
यह पूरा खुलासा ‘ली’ नाम के एक स्थानीय निवासी की सजगता से हुआ। दरअसल, दफ्तर के कई कर्मचारी अपनी जगह किसी और की हाजिरी लगवाने के लिए एक अनोखा पैंतरा अपना रहे थे। उन्होंने अपने सहकर्मियों के चेहरों की हाई-क्वालिटी तस्वीरें प्रिंट करवाईं और उन्हें ‘मास्क’ की तरह तैयार कर लिया। जब अटेंडेंस का वक्त आता, तो कोई एक कर्मचारी यह नकली चेहरा पहनकर मशीन के सामने खड़ा हो जाता और हाजिरी दर्ज हो जाती। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था, लेकिन ऑफिस के ही सर्विलांस कैमरे ने इस ‘मास्क वाले खेल’ की पोल खोल दी।
996 वर्क कल्चर बनाम सरकारी आराम: छिड़ी तीखी बहस
जैसे ही इस धोखाधड़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, चीन में काम करने के तरीके पर बहस छिड़ गई। जहां एक बड़ा तबका ‘996 वर्क कल्चर’ (सुबह 9 से रात 9, हफ्ते में 6 दिन) के बोझ तले दबा है, वहीं इन कर्मचारियों की इस हरकत ने लोगों को नाराज कर दिया। सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और जनता के पैसों की लूट करार दिया है। हालांकि, कुछ लोगों ने दबी जुबान में यह भी कहा कि फील्ड वर्क करने वाले कर्मचारियों के लिए केवल ऑफिस-बेस्ड बायोमेट्रिक सिस्टम सही नहीं है।
तकनीक की कमजोरी और सरकार का अल्टीमेटम
इस घटना ने 2022 की उस रिपोर्ट की याद दिला दी है जिसमें चेतावनी दी गई थी कि कम गुणवत्ता वाले फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को प्रिंटेड मास्क से आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है। फिलहाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। यह मामला दुनिया भर के संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि क्या हम अपनी सुरक्षा और उपस्थिति के लिए पूरी तरह से मशीनों पर भरोसा कर सकते हैं?

