Chaibasa News: चाईबासा में जिला मुख्यालय के तांबे चौक पर सोमवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने अभियान चलाकर सड़क सुरक्षा की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने दिन के समय शहर में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने (नो-एंट्री नियम) की मांग दोहराई। साथ ही, हाल ही में गिरफ्तार किए गए जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल, सोना सवैया, रेयांश सामाड और रमेश बालमुचू की रिहाई भी प्रदर्शन का प्रमुख मुद्दा रही।

नो एंट्री को लेकर विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण।

प्रदर्शन में आए ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक वर्ष में सड़क हादसों में 155 लोगों की मौत हो चुकी है—औसतन हर दो दिन में एक दुर्घटना। उनका कहना है कि बार-बार मंत्री और प्रशासन को ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा ने पद संभालने के बाद नो-एंट्री नियम हटाया, जिससे स्कूल-कॉलेज मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ गई और बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।

मंत्री और प्रशासन पर सीधे आरोप

विरोध प्रदर्शन करते महिलाएं और पुरुष।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही और हालात पर नजर रखी गई। प्रदर्शन में महिलाओं और पुरुषों ने भी भाग लिया।

प्रशासन का पक्ष और सख्ती

सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान।

प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि नो-एंट्री का नियम सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर लागू किया गया था। दुर्घटनाओं और जाम की समस्या बढ़ने पर इसे आवश्यक समझा गया। गिरफ्तार जिला परिषद सदस्यों के मामले में प्रशासन ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था के तहत ही कार्रवाई की गई है और किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा।

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