Ranchi News : डोरंडा कॉलेज में सोमवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। झारखंड छात्र मोर्चा डोरंडा कॉलेज इकाई के निवर्तमान अध्यक्ष इलियास अंसारी के नेतृत्व में छात्रों ने कॉलेज प्राचार्य डॉ. राजकुमार शर्मा का घेराव किया और छात्रहित से जुड़ी पांच सूत्री मांगपत्र सौंपा। इस दौरान रांची विश्वविद्यालय समिति के निवर्तमान सचिव असद फेराज टिंकू भी मौजूद रहे। छात्रों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो मोर्चा बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
छात्र मोर्चा की प्रमुख मांगों में आई कार्ड का वितरण सबसे अहम है। छात्रों का कहना है कि UG सेमेस्टर 1 और PG सेमेस्टर 1 एवं 4 के विद्यार्थियों को अब तक आई कार्ड नहीं मिला है, जिससे उन्हें कॉलेज और बाहरी गतिविधियों में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, कॉलेज में वॉशरूम की नियमित सफाई का मुद्दा भी छात्रों ने जोरदार तरीके से उठाया। उनका कहना है कि स्वच्छता की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को असुविधा झेलनी पड़ रही है और कॉलेज प्रशासन को तत्काल इस पर कदम उठाना चाहिए।
तीसरी बड़ी मांग कॉलेज के सभी भवनों में शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने की है। फिलहाल सिर्फ दो भवनों में ही यह सुविधा है, जिससे बाकी भवनों के छात्र साफ पानी से वंचित हैं।
छात्रों ने बीएड विभाग के लिए पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध कराने की भी मांग रखी। उनका कहना है कि पढ़ाई के लिए आवश्यक किताबों की कमी है, जिससे छात्रों को बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
पांचवीं और अंतिम मांग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद से संबंधित सामग्री की व्यवस्था से जुड़ी है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों की कमी है, जिसे प्रशासन को तत्काल दूर करना चाहिए।
प्राचार्य के साथ हुई इस वार्ता में छात्र मोर्चा के दीपक कुमार, शादमान खान, वासिफ इकबाल, हर्ष कुमार, अनस, जमील अख्तर, विधि समेत कई छात्र मौजूद रहे। इलियास अंसारी ने कहा कि छात्रों की ये मांगें बहुत पुरानी हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन लगातार इन्हें नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
रांची विश्वविद्यालय समिति के सचिव असद फेराज टिंकू ने कहा कि कॉलेज प्रबंधन को छात्रों की बुनियादी जरूरतों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। यह केवल छात्रों का अधिकार नहीं बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी भी है।
मौके पर मौजूद छात्रों ने एक सुर में कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संघर्ष जारी रखेंगे। अब यह देखना होगा कि डोरंडा कॉलेज प्रशासन इन मांगों पर कितना गंभीरता से कदम उठाता है या छात्र मोर्चा को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

