रांची। प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने वक्फ बिल संशोधन का विरोध करते हुए कहा है कि यह बिल सीधे तौर पर मुस्लिम समाज को कमजोर करने और भय का माहौल बनाने वाला है। यह बिल स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है। यह ईश्वर के नाम से दान की हुई वक्फ संपति को लूटने और बेदखल करने की कोशिश है जबकि वक्फ कानून में किसी की दान की हुई संपति उस धर्म और समुदाय का होता है जिसे पूर्वजों ने दे दिया था। उन्होंने कहा मोदी सरकार लगातार राष्ट्रीय संपति/संपदा रेलवे, एयरपोर्ट, पोर्ट के जमीनों को निजी तौर पर अडानी-अंबानी जैसे पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। 2014 के बाद जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी है निरंतर एक विशेष समुदाय मुस्लिम और अल्पसंख्यक समाज को टारगेट और प्रताड़ित किया जा रहा है। श्री यादव ने कहा भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जैन समेत सभी धर्म के लोग आपसी सौहार्द और एकता के साथ रहते चले आ रहे हैं। गंगा-जमुनी तहज़ीब को आदर्श मानकर चलते हैं। अपने आप को सेक्युलर पार्टी मानने वाले जेडीयू, टीडीपी, लोजपा (R), हम, रालोद, शिवसेना, शिंदे, अजीत पवार, एनसीपी पार्टी जैसे नेताओं का वक्फ बिल संशोधन में समर्थन करने से इनके दोहरी मानसिकता का पर्दा खुल गया है। राजद का मानना है कि इन सभी दलों ने सेक्युलरिज्म के नाम पर वोट मांगने का हक खत्म कर दिया है। अब इनको चरणबद्ध जनजागरण कार्यक्रम के तहत गांव-गांव एवं पंचायत स्तर पर इन्हें बेनकाब करने की जरूरत है।
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