Ranchi : वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में हाल ही में हुई कटौती पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्र सरकार को घेरते हुए बड़ा बयान दिया है। झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि यह कदम जनता और विपक्ष के लगातार दबाव का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 से 2025 तक केंद्र सरकार ने मल्टीपल टैक्स लगाकर आम जनता को लगातार लूटा है।
विनोद पांडेय ने कहा कि विपक्ष ने GST और उसके दुष्प्रभावों को लेकर हमेशा आवाज उठाई, चाहे सदन के भीतर हो या सड़कों पर। उन्होंने दावा किया कि जनता की आवाज और विपक्ष की एकजुटता ने केंद्र सरकार को दरें घटाने के लिए मजबूर किया। “जब दबाव बढ़ा तो GST घटाना पड़ा, लेकिन सवाल यह है कि इतने वर्षों तक जो जनता पर बोझ डाला गया, उसके लिए माफी क्यों नहीं मांगी जा रही है,” पांडेय ने सवाल उठाया।
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि अगर आज GST में कमी को सरकार अच्छा और जनहितकारी कदम बता रही है, तो फिर यह भी स्वीकार करना होगा कि पिछले 11 वर्षों में जो फैसले लिए गए वे गलत थे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह जनता से माफी मांगे और यह स्पष्ट करे कि भविष्य में टैक्स नीतियां पारदर्शी और जनहितकारी होंगी।
पांडेय ने कहा कि केंद्र की नीतियों ने छोटे कारोबारियों, मध्यम वर्ग और आम जनता को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। बार-बार टैक्स दरों में बदलाव और उच्च दरें लागू करने से व्यापारियों को मुश्किलें झेलनी पड़ीं और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ा।
झामुमो नेता ने आगे कहा कि विपक्ष की एकजुटता और जनता के आक्रोश के चलते सरकार को अपने फैसले पर पीछे हटना पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार की मजबूरी है, न कि जनता के प्रति संवेदनशीलता।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि न सिर्फ GST में राहत दी जाए, बल्कि अन्य आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर भी टैक्स कम किए जाएं ताकि महंगाई से जूझ रही जनता को वास्तविक राहत मिल सके। पांडेय ने कहा कि झामुमो हमेशा की तरह जनता की आवाज उठाता रहेगा और आर्थिक नीतियों में पारदर्शिता की मांग करता रहेगा।

