Purnia News : पूर्णिया महिला महाविद्यालय में जारी अनियमितताओं और प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद, पूर्णिया विश्वविद्यालय ने बड़ा कदम उठाया है। कुलपति के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली, वित्तीय गड़बड़ियों और छात्रावास की स्थिति की गहराई से जांच करेगी।
इस जांच समिति में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. पटवारी यादव, किशनगंज मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजीव कुमार, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. वीना रानी, प्रो. आर. डी. पासवान और कॉलेज निरीक्षक संतोष कुमार सिंह को शामिल किया गया है। समिति को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
छात्रों की ओर से यह मुद्दा तब और गंभीर हुआ जब छात्र नेता सौरभ कुमार ने कॉलेज प्राचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने एक आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से अपने करीबी व्यक्ति को नियुक्त कराया, जिसे नियमों के खिलाफ परीक्षा जैसे गोपनीय कार्यों में भी लगाया गया। यह परीक्षा की पारदर्शिता के साथ सीधा खिलवाड़ है।
सौरभ ने यह भी आरोप लगाया कि फरवरी 2025 की पीजी परीक्षा में उन्हें जानबूझकर झूठे आरोपों में फंसाया गया, जो प्रशासनिक भेदभाव और पक्षपात को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि छात्रावास की बदतर स्थिति, परीक्षा संचालन में अनियमितता और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
इस मामले को लेकर छात्रों और अभिभावकों के बीच गंभीर चिंता और आक्रोश का माहौल है। छात्र समुदाय विश्वविद्यालय प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा कर रहा है।
विश्वविद्यालय की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और संस्थागत स्वच्छता को बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद विश्वविद्यालय दोषियों के खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई करता है।