Ranchi : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को कचहरी स्थित शिक्षा परिसर में संपन्न हुई। बैठक में शिक्षक समुदाय से जुड़े ज्वलंत मुद्दों, विशेष रूप से टेट (TET) की अनिवार्यता को लेकर तीन अहम प्रस्ताव पारित किए गए।
संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने जानकारी दी कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस निर्णय पर संघ ने असहमति जताई है, जिसमें NCTE की तय तिथि से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए भी TET अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश देशभर में लाखों शिक्षकों की नौकरी पर संकट ला सकता है, जिसमें झारखंड के भी लगभग 35,000 शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं।
इस निर्णय के खिलाफ संघ ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया है। प्रवक्ता के अनुसार, याचिका इसी माह सितंबर 2025 में दायर की जाएगी।
शिक्षकों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के लिए संघ ने आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की है। आगामी 18 सितंबर को राज्य के सभी जिलों में उपायुक्तों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद 20 सितंबर को राजधानी रांची में राजभवन मार्च का आयोजन होगा, जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री तक शिक्षक वर्ग की पीड़ा पहुंचाई जाएगी।
बैठक में संघ के चुनाव को लेकर संचालन समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया। बैठक में कई वरिष्ठ पदाधिकारी व सदस्यों की उपस्थिति रही, जिनमें सलाहकार उतील यादव, प्रदेश अध्यक्ष अनूप केशरी, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, प्रवक्ता नसीम अहमद, संतोष कुमार, असदुल्लाह, हरेकृष्णा चौधरी, दीपक दत्ता, राकेश कुमार, अजय कुमार, अमरेश सिंह, सलीम सहाय, सुधीर दुबे, सियाराम प्रसाद सिंह, प्रवीण कुमार, श्रीकांत कुमार, सचिदानंद सिंह, रमेश कुमार, संजय कुमार, असीम कुमार, अजय कुमार साहू, मानिक प्रसाद, शंभूशरण सिंह, मनी उरांव, विभूति कुमार महतो समेत अन्य शिक्षक नेता शामिल थे।
संघ ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो राज्यभर में आंदोलन को तेज किया जाएगा। शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने की यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।

