Kolkata : देश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति बीआर गवई की नियुक्ति पर कोलकाता के कर और कानून विशेषज्ञों ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर अखिल भारतीय कर पेशेवरों के महासंघ (AIFTP) के पूर्व अध्यक्ष और जाने-माने कर विशेषज्ञ एडवोकेट नारायण जैन ने न्यायमूर्ति गवई से जुड़ी पुरानी यादों को साझा करते हुए उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए बधाई दी।
एडवोकेट जैन ने बताया कि वर्ष 2019 में सारनाथ में आयोजित AIFTP के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान न्यायमूर्ति बीआर गवई ने एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘हाउ टू हैंडल इनकम टैक्स प्रॉब्लम्स’ का विमोचन किया था। इस पुस्तक को एडवोकेट नारायण जैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट दिलीप लोयलका ने संयुक्त रूप से लिखा है। यह पुस्तक करदाताओं और पेशेवरों के लिए आयकर कानून से जुड़ी समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करती है।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति गवई के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.के. मिश्रा और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल भी उपस्थित थे। इसके अलावा आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.पी. भट्ट भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यह आयोजन कर पेशेवरों और न्यायाधीशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण मंच बना।
एडवोकेट जैन ने यह भी जानकारी दी कि इस लोकप्रिय पुस्तक का नया संस्करण तैयार किया जा रहा है, जिसका विमोचन अगले महीने प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि यह संस्करण हाल के कर सुधारों और न्यायालय के निर्णयों को ध्यान में रखते हुए अपडेट किया जा रहा है।
इस बीच, लीगल रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट आर.डी. काकरा ने भी न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति गवई का कार्य और न्याय के प्रति समर्पण भारतीय न्यायपालिका के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने आशा जताई कि उनके नेतृत्व में देश की न्यायिक प्रणाली और अधिक प्रभावशाली और संवेदनशील बनेगी।