Jharkhand News: सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के झिमडी गांव में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसमें एक 19 वर्षीय युवती, रिता महतो, के धर्म परिवर्तन और उसके बाद मुस्लिम युवक से निकाह करने के मामले में लव जिहाद का आरोप लगाया गया है। यह मामला उस समय और ज्यादा संगीन हो गया जब मोहम्मद तस्लीम आलम के परिजनों द्वारा एक वायरल एकरारनामे में खुलासा हुआ कि युवती ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम स्वीकार किया और फिर उसकी शादी करवाई गई।
रिता महतो ने 18 मार्च 2025 को पश्चिम बंगाल के आसनसोल कोर्ट में एक हलफनामा देकर इस्लाम धर्म अपनाने की घोषणा की। अगले ही दिन, 19 मार्च को, इलामबाजार के मुस्लिम विवाह एवं तलाक रजिस्ट्रार कार्यालय में उसका निकाह करवा दिया गया। रिता ने इस्लाम स्वीकार करने के बाद अपना नाम फिजा खातून रख लिया।
रिता महतो के हलफनामे में दावा किया गया है कि उसने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है, लेकिन घटनाओं की जल्दबाजी और उसके बाद हुए विवाह ने कई संदेहों को जन्म दिया है। धर्म परिवर्तन के बाद विवाह कराने को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह लव जिहाद का संकेत हो सकता है। इस पूरी घटना में मेहर राशि 25,786 रुपये तय की गई थी, जिसे अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।
विवाह के प्रमाणपत्र में यह भी दर्ज है कि पति ने पत्नी को तलाक का अधिकार (खुला) भी दिया है। विवाह की गवाही देने वाले अरमान वाजिद और अब्दुल जलील थे, और इस पूरी प्रक्रिया में वकील मोहम्मद नबीर ने भी हिस्सा लिया। विवाह मुस्लिम मैरिज रजिस्टार के समक्ष विधिपूर्वक संपन्न हुआ।
इसके अलावा, रिता महतो (अब फिजा खातून) की जन्म तिथि 01 जनवरी 2006 दर्ज की गई है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या विवाह के समय उसकी उम्र सही थी या कहीं दस्तावेजों में छिपाई गई। इस पहलू की भी जांच की जा रही है।
स्थानीय लोग अब इस मामले में पुलिस और प्रशासन से गंभीर जांच की मांग कर रहे हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि युवती पर किसी प्रकार का दबाव या प्रलोभन तो नहीं डाला गया। इसी बीच, अपहरण के आरोप में झिमडी में हंगामा हुआ, आगजनी की घटनाएं हुईं, और पुलिस बल पर भी हमला किया गया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया। जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। फिलहाल, पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।