London : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी को एक बार फिर ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका मिला है। लंदन स्थित किंग्स बेंच डिवीजन के हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस ने उसकी ताजा जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका उसने भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी होने तक रिहा किए जाने के अनुरोध के साथ दायर की थी।
नीरव मोदी बीते पांच वर्षों से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है और भारत सरकार द्वारा उसके प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है। अपनी जमानत याचिका में नीरव मोदी ने दावा किया कि यदि उसे भारत भेजा गया तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। उसने यह भी तर्क दिया कि वह ब्रिटेन से फरार होने की कोई कोशिश नहीं करेगा।
हालांकि, अदालत ने उसके सभी दावों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कहा कि नीरव मोदी जैसा संसाधन-संपन्न और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों वाला व्यक्ति कानून से भाग सकता है, इसलिए उसे जमानत देना सुरक्षित नहीं होगा। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि पहले दी गई याचिकाओं में तर्कों की निरंतरता नहीं है और बार-बार वही बात दोहराना विश्वसनीय नहीं माना जा सकता।
भारत सरकार की ओर से पेश वकीलों ने अदालत को भरोसा दिलाया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी तरह से न्यायसंगत और सुरक्षित होगी। साथ ही यह भी कहा गया कि भारत में नीरव मोदी को निष्पक्ष कानूनी सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि भारत सरकार ने इस दिशा में सभी आवश्यक राजनयिक और कानूनी तैयारियां कर ली हैं।
गौरतलब है कि नीरव मोदी पर करीब 14,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी घोटाले का आरोप है, जो वर्ष 2018 में सामने आया था। इसके बाद वह भारत से फरार हो गया और मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह वांड्सवर्थ जेल में बंद है और लगातार जमानत के प्रयास कर रहा है, लेकिन ब्रिटेन की अदालतें उसकी दलीलों को अब तक स्वीकार नहीं कर पाई हैं।