Health News: वॉशिंगटन में जारी एक ताज़ा रिपोर्ट ने स्किन-लाइटनिंग क्रीम्स को लेकर बड़ा खतरा उजागर कर दिया है। जीरो मरकरी वर्किंग ग्रुप (ZMWG) की जांच में सामने आया कि दुनिया के कई देशों में बेची जा रही क्रीम्स में मरकरी की मात्रा कानूनी सीमा से हजार गुना ज्यादा है। मरकरी वही जहरीला तत्व है जो किडनी, लिवर और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
भारतीय संस्था टॉक्सिक्स लिंक ने भारत, पाकिस्तान और थाईलैंड में बनी 8 क्रीम्स की जांच की, जिनमें से 7 में मरकरी का स्तर 7331 PPM से लेकर 27431 PPM तक पाया गया। जबकि कानूनी सीमा सिर्फ 1 PPM है। यह मात्रा इतनी ज्यादा है कि लगातार इस्तेमाल किसी की जान भी ले सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि यूरोप और अमेरिका में ऐसे प्रोडक्ट कम हैं, क्योंकि वहां कानून कड़े हैं। लेकिन भारत जैसे देशों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ये क्रीम्स बेखौफ बिक रही हैं।
मरकरी कैसे असर करता है? डॉक्टरों ने जताई गंभीर चिंता
विशेषज्ञों के मुताबिक, मरकरी एक हैवी मेटल है जो मेलेनिन बनने की प्रक्रिया को रोक देता है। इससे त्वचा कुछ समय के लिए गोरी दिखती है, लेकिन धीरे-धीरे यह स्किन की सुरक्षा ढाल को खत्म कर देता है। इससे खुजली, जलन, झुनझुनी, दाग-धब्बे और बाल झड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
लंबे समय तक इसका इस्तेमाल किडनी को नुकसान पहुंचाता है और नेफ्रोटिक सिंड्रोम जैसी बीमारी की शुरुआत कर देता है। महाराष्ट्र के अकोला में एक परिवार की तीन महिलाओं की किडनी खराब होने के पीछे भी ऐसी क्रीम ही जिम्मेदार पाई गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साफ चेतावनी दी है—अगर किसी क्रीम के लेबल पर कोलोमेल, सिन्नाबारिस, क्विकसिल्वर, मरक्यूरीक जैसे शब्द लिखे हों, तो उसमें मरकरी मौजूद है।
डॉक्टरों की सलाह है कि किसी भी स्किन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें और सिर्फ भरोसेमंद, प्रमाणित ब्रांड के उत्पादों का ही उपयोग करें।



