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Gumla : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यदि झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों की सरकारें मिलकर सकारात्मक पहल करें, तो महान जनजातीय नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव का शंख नदी तट पर विश्वस्तरीय आदिवासी शक्ति स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय स्थापित करने का सपना अवश्य साकार हो सकता है। उन्होंने इस दिशा में हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। राष्ट्रपति मंगलवार को शंख नदी के बैरियर बगीचा में विश्वविद्यालय निर्माण समिति द्वारा आयोजित अंतरराज्यीय जन-सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड आना उन्हें तीर्थयात्रा जैसा अनुभव देता है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा, जतरा टाना भगत, परमवीर अल्बर्ट एक्का, शहीद बख्तर साय, मुंडल सिंह और कार्तिक उरांव को नमन करते हुए जनजातीय समाज के प्रबुद्ध वर्ग से अपने दायित्वों को समझने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान में शिक्षा, संगठन और नेतृत्व की अहम भूमिका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भी आदिवासी समाज अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। कई परिवारों के पास न तो जमीन है और न ही पक्का आवास। कुछ क्षेत्रों में लोग पेड़ों पर बने घरों में रहने को मजबूर हैं और शिक्षा व सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मिशन मोड में इन तक योजनाओं और सुविधाओं को पहुंचाने का प्रयास कर रही है, ताकि जीवन स्तर में सुधार हो सके।
उन्होंने समाज के पढ़े-लिखे युवाओं से अपील की कि वे अपने गांवों से जुड़ें, वहां लौटकर लोगों की जरूरतों को समझें और अपने गांवों को गोद लेकर विरासत और विकास को साथ लेकर आगे बढ़ें। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि आदिवासी समाज को विकास का रास्ता दिखाने के लिए नेतृत्व और सहभागिता आवश्यक है।
शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार से ही समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। शिक्षा सामाजिक न्याय और समग्र विकास का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण, जनजातीय हस्तशिल्प को मिली वैश्विक पहचान तथा झारखंड की खेल प्रतिभा और कला की भी सराहना की।
कार्यक्रम से पूर्व राष्ट्रपति ने कार्तिक उरांव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। आयोजन समिति के संयोजक व पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए मांग पत्र सौंपा। कार्यक्रम को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

