Ranchi : झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान की अध्यक्षता में धुर्वा स्थित कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम समेत शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक वित्त निगम के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और शिक्षा विभाग को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान ने शिक्षा विभाग से धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यक विद्यालयों का पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिन जिलों में उर्दू विद्यालयों को सामान्य विद्यालय घोषित कर दिया गया है, वहां छात्रों को हो रही कठिनाइयों का प्रतिवेदन आयोग को भेजा जाए। इस पर विभाग ने आश्वस्त किया कि पूरी जानकारी JEPC के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने मदरसों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने पूछा कि कितने मदरसे उस्तानिया और फोकानिया की डिग्री प्रदान करते हैं और कितने पद अभी तक रिक्त पड़े हैं। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अल्पसंख्यक विद्यालयों के छात्रों को पौषाक, मध्यान्ह भोजन और अन्य सुविधाओं की जानकारी तत्काल आयोग को दी जाए।
भाषायी अल्पसंख्यकों के संदर्भ में शमशेर आलम ने बताया कि उड़िया भाषा के छात्र कक्षा 9 से 12 तक पुराने पाठ्यक्रम की वजह से पुस्तकों के अभाव में परेशान हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को तुरंत नए पाठ्यक्रम को अपनाने और इस पर आगे कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाती है और इसके लिए संबंधित जिला से रिपोर्ट मिलने के बाद नोडल अधिकारी द्वारा एनओसी जारी किया जाता है। विभाग ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर नोडल अधिकारी नामित करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया है और छात्रों को पौषाक व पोषाहार उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव मंत्रिमंडल को भेजा गया है।
अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान ने सहायक आचार्य की नियुक्तियों में विसंगति का मुद्दा उठाया। इस पर शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि विसंगतियां दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। मदरसा बोर्ड के गठन को लेकर भी विभाग ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही प्रक्रिया पूरी होगी।
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करते हुए उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि आलिम-फाजिल अभ्यर्थियों की बहाली पर रोक लगाना चिंता का विषय है। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि जब तक सरकार का अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक जिन 110 अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं, उन्हें सहायक आचार्य के पद पर तुरंत नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। शिक्षा विभाग ने आयोग को भरोसा दिलाया कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

