Araria News : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने मंगलवार को अररिया के सिमराहा के औराही गांव का दौरा किया। यह गांव महान हिंदी कथाकार और स्वतंत्रता सेनानी फणीश्वरनाथ रेणु की कर्मभूमि और जन्मस्थली है। मनीष वर्मा ने रेणुजी के आवास पर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उनकी साहित्यिक विरासत को नमन किया।
इस अवसर पर रेणु जी के ज्येष्ठ पुत्र एवं पूर्व विधायक पदम पराग राय वेणु, अपराजित राय अप्पू और छोटे पुत्र दक्षिणेश्वर राय पप्पू ने मनीष वर्मा का पारंपरिक स्वागत किया। वर्मा ने रेणु जी की ऐतिहासिक कुटिया का भी दौरा किया, जहां पर रेणु जी ने ‘मैला आंचल’ जैसी कालजयी रचनाएं लिखीं थीं। उन्होंने कुटिया में समय बिताकर रेणु जी से जुड़ी भावनात्मक यादों को आत्मसात किया।
इस दौरान रेणु जी की प्रसिद्ध रचना ‘मैला आंचल’ के साथ-साथ दक्षिणेश्वर राय पप्पू द्वारा लिखित पुस्तक ‘रफ्फू वाली साड़ी’ भी मनीष वर्मा को भेंट की गई। वर्मा ने कहा कि स्कूल के दिनों से ही वे रेणु जी की रचनाओं से अत्यंत प्रभावित रहे हैं और रेणु गांव आना उनके लिए किसी तीर्थयात्रा जैसा अनुभव रहा।
उन्होंने कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु न सिर्फ हिंदी साहित्य के अमर कथाकार थे, बल्कि वे स्वतंत्रता संग्राम और लोकतंत्र रक्षक आंदोलन के भी अग्रणी सेनानी रहे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और नेपाल के लोकतंत्र आंदोलन में भी सक्रिय सहयोग दिया।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि जब देश में 1975 में आपातकाल लागू किया गया, तब रेणु जी ने उसका विरोध करते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया। यह साहसिक कदम उन्होंने तब उठाया जब अधिकांश बुद्धिजीवी चुप्पी साधे हुए थे। मनीष वर्मा ने कहा कि रेणु जी का यह कार्य आज भी हर लेखक, नागरिक और राजनेता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मनीष वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भी अपने नैतिक मूल्यों से रेणु जी को प्रभावित किया था। रेणु जी का साहित्य सीमांचल के ग्रामीण जीवन, लोक-संस्कृति और संघर्ष को जीवंतता के साथ प्रस्तुत करता है।

