रांची : राजधानी रांची की प्रतिष्ठित मस्जिद-ए-जाफरिया में हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए एक विशेष हज ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन इस्लामिक टूर एंड ट्रेवल्स लखनऊ की ओर से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में हज यात्रियों ने हिस्सा लिया। इस ट्रेनिंग कैंप का नेतृत्व झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य सह मस्जिद-ए-जाफरिया के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने किया। मौलाना रिजवी ने हज यात्रा के दौरान पूरे पाक सफर के हर चरण की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हज केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि अनुशासन, समर्पण और सामाजिक एकता का प्रतीक है। ट्रेनिंग में हज के मुख्य पांच दिनों में किए जाने वाले अरकान जैसे खाना-ए-काबा का तवाफ, सफा और मरवा के बीच सई (दौड़ लगाना), अरफात में ठहराव, मीना में कंकरी मारना और कुर्बानी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक तैयारी के बारे में बताया गया। मौलाना ने इन अरकानों की धार्मिक महत्ता और करने की विधि को सरल भाषा में समझाया ताकि हज यात्री वहां जाकर किसी असुविधा का अनुभव न करें।
हज यात्री हबीब अहमद को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर हज यात्री हबीब अहमद को इस्लामिक टूर एंड ट्रेवल्स लखनऊ की ओर से विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके समर्पण और धार्मिक उत्साह को देखते हुए प्रदान किया गया। कैंप के समापन पर मौलाना सैयद तहजीबुल हसन ने मुल्क की तरक्की, अमन-शांति, भाईचारगी और एकता के लिए विशेष दुआ की। उन्होंने कहा हज का असल उद्देश्य न केवल अल्लाह की इबादत है, बल्कि इंसानियत के रास्ते पर चलना और दूसरों की भलाई के लिए सोचना भी है।
इस मौके पर समाज के कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे, जिनमें सैयद नेहाल हुसैन सरियावी, सैयद जावेद हैदर, जसीम रिजवी, इकबाल फातमी, नदीम रिजवी, हाशिम, अशरफ रिजवी, अता इमाम रिजवी व सैयद शाहरुख हसन रिजवी समेत कई अन्य शामिल थे।