Ranchi : झारखंड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल सेवा विभाग (JAP-IT) के अधीन संचालित झारखंड स्टेट डेटा सेंटर (JHSDC) ने राज्य के भू-लेख पोर्टल “झारभूमि” को आधुनिक और उन्नत ढांचे में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कार्य के तहत झारभूमि सर्वर को JHSDC 2.0 में माइग्रेट किया जा रहा है, जिसके चलते 19 सितंबर 2025 से 25 सितंबर 2025 तक यह सेवा अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं होगी।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि माइग्रेशन का उद्देश्य पोर्टल की गति, सुरक्षा और स्थिरता को और बेहतर बनाना है। नए प्लेटफॉर्म में स्थानांतरण के बाद झारभूमि एप्लिकेशन पर नागरिकों को अधिक भरोसेमंद और तेज सेवाएं मिलेंगी। यह पहल डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
झारखंड के राजस्व विभाग द्वारा झारभूमि पोर्टल के माध्यम से दी जाने वाली नागरिक-केंद्रित सेवाएं, जैसे भूमि रिकॉर्ड देखना, पंजीकरण संबंधी जानकारी, म्यूटेशन और अन्य ऑनलाइन सेवाएं, इस अवधि के दौरान बाधित रहेंगी। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे असुविधा के लिए सहयोग करें और आवश्यक कार्यों की योजना 25 सितंबर के बाद बनाएं।
साथ ही, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि “Suo-moto Mutation” से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को सुरक्षित रखा गया है। इस माइग्रेशन कार्य के दौरान किसी भी लेन-देन को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं। अधिकारी नियमित रूप से सिस्टम की निगरानी कर रहे हैं, ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का कहना है कि JHSDC 2.0 में स्थानांतरण के बाद झारभूमि पोर्टल का संचालन अधिक प्रभावी और पारदर्शी होगा। डेटा सुरक्षा, लोड बैलेंसिंग और बैकअप जैसे तकनीकी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे न केवल आम नागरिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि राजस्व विभाग की कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।
झारखंड सरकार ने आशा व्यक्त की है कि नागरिक इस तकनीकी उन्नयन को लेकर सकारात्मक रुख अपनाएंगे और अस्थायी असुविधा के बावजूद दीर्घकालिक लाभों को समझेंगे। उन्नत इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन और राजस्व सेवाएं और अधिक आसान, तेज़ तथा पारदर्शी हो जाएंगी।

