Ranchi : उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में मंगलवार को समाहरणालय स्थित ब्लॉक-ए के सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में जिले के स्वास्थ्य और समाज कल्याण से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें उपविकास आयुक्त दिनेश कुमार यादव, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, मलेरिया एवं यक्ष्मा पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सीडीपीओ और एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शामिल थे।
एक सप्ताह के भीतर सभी केंद्रों का हो मैप
बैठक में स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। उपायुक्त ने भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रखंडवार स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर सभी केंद्रों को मैप किया जाए। साथ ही जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली एवं जल की व्यवस्था नहीं है, वहां संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर कनेक्शन जल्द लिया जाए।
शो-कॉज जारी कर वेतन रोकने का निर्देश
पोषण ट्रैकर ऐप में डाटा एंट्री की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने शत-प्रतिशत डाटा एंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। डाटा एंट्री में लापरवाही बरतने वाली सीडीपीओ को शो-कॉज जारी करने और उनका वेतन रोकने के निर्देश भी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिए गए।
रिक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष जोर
बैठक में सेविका/सहायिका की रिक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की शिकायत नहीं आए। इसके अतिरिक्त एफआरएस रिपोर्ट, टीएचआर, वीएचएसएनडी, लो बर्थ रेट और संस्थागत प्रसव की भी समीक्षा की गई। जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में योजनाओं का क्रियान्वयन कमजोर है, वहां चिकित्सा पदाधिकारी एवं सीडीपीओ को संयुक्त भ्रमण के निर्देश दिए गए। कुपोषण उपचार केंद्रों में बच्चों की पूर्ण भर्ती सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उपायुक्त ने ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और सीडीपीओ के बीच समन्वय बैठक कराने को कहा।
कार्यावधि के दौरान अस्पतालों में उपस्थिति अनिवार्य
टीकाकरण की समीक्षा के दौरान उन्होंने ड्यू लिस्ट के अनुसार शत प्रतिशत टीकाकरण और आईएफए व कैल्शियम टैबलेट का वितरण समय पर सुनिश्चित करने को कहा। बच्चों के पूर्ण टीकाकरण पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। अंत में उपायुक्त ने चिकित्सकों की कार्यावधि के दौरान अस्पतालों में उपस्थिति अनिवार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि उपलब्ध मानव संसाधनों के साथ बेहतर सेवा देने की आवश्यकता है।