रांची। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) द्वारा आयोजित अल्पसंख्यक सम्मेलन में 25 मार्च 2025 को राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान शामिल हुए। यह सम्मेलन दिल्ली में संपन्न हुआ। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत में निवसित अल्पसंख्यकों की शिक्षा और उनका समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करना था। मुख्य अतिथि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू ने कहा केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक पहल कर रही है। झारखंड अल्पसंख्यकों का पक्ष रखते हुए राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना को फिर से शुरू करने की मांग रखी। उन्होंने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू को अवगत कराते हुए कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है, जहांं के छात्र आर्थिक रूप से बहुत कमजोर और कष्टकर स्थिति में हैं। पूर्व में जो छात्रवृत्ति दी जाती थी, वह पिछले कई वर्षों से बंद है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यदि केंद्र सरकार झारखंड के अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूति विचार करते हुए छात्रवृत्ति पुन: शुरु करती है तो इससे राज्य के अल्पसंख्यक बच्चाें को भविष्य निर्माण में काफी सहयोग मिलेगा। इससे राज्य एवं देश कोे सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। श्री खान ने केंद्रीय मंत्री को छात्रवृत्ति यथाशीघ्र शुरू करने की मांग की है। सम्मेलन के दाैरान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान को शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सम्मेलन में श्री खान के साथ उपाध्यक्ष शमशेर आलम, ज्योति सिंह मथारू, प्रणेश साॅलोमन और सदस्य इकरारूल हसन शामिल हुए।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र
- अल्पसंख्यकों को शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना एवं समावेशी शिक्षा के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा।
- अल्पसंख्यकों के समग्र विकास और कल्याण के लिए मजबूत रणनीति तैयार करना एवं इसमें सरकार की भागीदारी को सुनिश्चित करना।
रांची को एंबार्केशन प्वाइंट बनाने की मांग
सम्मेलन में झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने हज 2025 से रांची को हज एंबार्केशन प्वाइंट बनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि 2009 से 2019 तक झारखंड के हज यात्री रांची एयरपोर्ट से उड़ान भरते थे, लेकिन कोविड-19 (2020-21) के कारण यह प्रक्रिया बाधित हुई। इसके बाद 2022 से 2024 तक झारखंड के सभी हज यात्रियों को कोलकाता एंबार्केशन प्वाइंट से भेजा जा रहा है, जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि झारखंड हज हाउस पूरी तरह से तैयार है, इसलिए 2025 से झारखंड के सभी हज यात्रियों को रांची से ही हज यात्रा पर भेजने की व्यवस्था की जाए।
उर्दू भाषा के साथ सौतेले व्यवहार पर आपत्ति
श्री खान ने उर्दू भाषा के साथ सौतेले व्यवहार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उर्दू किसी विशेष समाज या वर्ग की भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की सबसे मधुर भाषाओं में से एक है। हिंदी और उर्दू एक-दूसरे के बगैर अधूरी हैं। जब तक दोनों भाषाओं का संगम नहीं होगा, तब तक कोई भी अभिव्यक्ति पूर्ण नहीं हो सकती।